
लखनऊ। 1994 में अयोध्या में प्रभारी निरीक्षक गोदाम के रूप में आबकारी विभाग में अपनी सेवा की शुरुआत करने वाले सुनील मिश्रा जॉइंट एक्साइज कमिश्नर मेरठ तक 31 वर्ष की लंबी पारी खेलकर आखिरकार रिटायर हुए। सुनील मिश्रा को आबकारी विभाग में सख्त प्रशासक के रूप में याद किया जाता है। अपने कार्यकाल में उन्होंने तमाम शराब माफिया से भी लोहा लिया। उनके अनुभव और दक्षता को देखते हुए जॉइंट एक्साइज कमिश्नर मेरठ के रूप में तैनाती दी गई। आबकारी विभाग में मेरठ जोन हमेशा चुनौती पूर्ण माना गया है लेकिन अपनी सख्त एक्सन और कुशल नेतृत्व में न केवल इस क्षेत्र के बड़े माफियाओं को काबू में रखा बल्कि विभाग के राजस्व में भी कई गुना वृद्धि की।
सुनील मिश्रा ने जिला आबकारी अधिकारी के रूप में वाराणसी से शुरुआत की और यहां पर वह स्वामी करपात्री द्वारा स्थापित श्री विद्यापीठ के संपर्क में आए जहां गुरु जी के सानिध्य में आध्यात्मिक पाठशाला में प्रवेश लिया और आज श्री विद्या के देश भर में जो श्रेष्ठ जानकारी हैं उसमें सुनील मिश्रा का भी नाम शामिल है। श्री विद्या की सिद्धि में इनकी वर्षों की कठोर तपस्या महत्वपूर्ण है। सुनील मिश्रा ने अपने विभागीय सेवा तथा आध्यात्मिक साधना में भी अद्भुत तालमेल बना रखा है। सुनील मिश्रा के विदाई समारोह में विभाग के कई अधिकारियों ने भी अपना अनुभव साझा किया और उनके नेतृत्व की सराहना की।
इस अवसर पर डिप्टी एक्साइज कमिश्नर बरेली डिप्टी एक्साइज कमिश्नर मेरठ डिप्टी एक्साइज कमिश्नर मुरादाबाद समेत सभी जिला अधिकारी और सहायक आबकारी आयुक्त उपस्थित रहे।
मेरठ के जॉइंट एक्साइज कमिश्नर सुनील मिश्रा के साथ जॉइंट एक्साइज कमिश्नर स्कंद सिंह तथा जॉइंट एक्साइज कमिश्नर वाराणसी दिनेश प्रताप सिंह भी आज रिटायर हुए।
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