रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में अदानी की कंपनियों को राज्य सरकार के नियंत्रण वाले कोयले खदान आवंटित नहीं किया जिसकी वजह से बदला लेने के लिए और यहां की जल जंगल जमीन पर आदिवासियों को बेदखल कर अदानी को कब्जा दिलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने खुलासा किया कि 2022 में आदिवासियों को रायपुर से दुर्गा और बस्तर क्षेत्र में जहां सैकड़ो किलोमीटर तक जंगल फैला हुआ है उसे इलाके की 9 कोल ब्लॉक को पूरी तरह जिन पर सैकड़ो वर्षों से रहते आ रहे हैं उसे राज्य विधानसभा में संरक्षित क्षेत्र मानते हुए प्रस्ताव पास किया गया इसकी जानकारी केंद्र सरकार को भी दे दी गई। राज्य की ओर से केंद्र को अनुरोध भेजा गया कि आदिवासी हितों और पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए इस पूरे क्षेत्र को खदान मुक्त रखा जाए। लेकिन कहां जा रहा है कि इस अनुरोध के बाद नाराज केंद्र सरकार ने भूपेश सरकार के खिलाफ ऑपरेशन चलाने का निश्चय लिया और अब तक 226 बार प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी की कार्रवाई हो चुकी है और कई राज्य सरकार के अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कमरे पर आकर गंभीर आरोप लगाने के बावजूद अभी तक इस मामले में केंद्र सरकार या भाजपा की ओर से पूरी तरह ख़ामोशी अख्तियार किया गया है। भूपेश बघेल ने साक्ष्य व तथ्यों के साथ जिस तरह मीडिया के सामने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं उससे राज्य की सियासत में भूचाल आ गया है। भूपेश बघेल ने कहा कि वह आदिवासियों की जल जंगल जमीन किसी कीमत पर पूंजी पत्तियों को नहीं लेने देंगे भले ही इसके लिए उन्हें जेल क्यों न जाना पड़े।
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