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स्कूलों में भी पहुंच गई नफरत की दुकान: एक डायन टीचर ने बदनाम किया शिक्षा का पवित्र मंदिर:

वरिष्ठ पत्रकार पवन सिंह की कलम से
बढ़ती हुई नफरत अगर नहीं रूकी और समाज के हर वर्ग से अगर लोग सामने नहीं आते तो इसके परिणाम बहुत ही भयावह होंगे। नफरत से भरा आदमी स्वयं को भी नष्ट करता है और समाज को भी…और इसकी कीमत देश और पीढियां चुकाया करती हैं इसके एक नहीं ढेरों जिंदा उदाहरण हैं। देश के गोबरपट्टी इलाके जो कि अशिक्षा व बेरोजगारी की चपेटे में सालों से रहे हैं, वर्तमान में “संरक्षित और पोषित नफरत” की सफल प्रयोगशाला बन चुके हैं। देश के मेन स्ट्रीम मीडिया और आईटी सेल ने इस दिशा में जो खेल खेला है, उसमें वे सफल रहे हैं…यह खेल ठीक वैसा ही है कि एक जमींदार साहेब ने एक गरीब आदमी के छप्पर में आग लगवा दी….छप्पर जल उठा…हवा का रूख अचानक जमींदार साहेब के घर की ओर हो गया….उनका भी घर फुंक गया और ऐश्वर्य भी….
एक खबर वीडियो संग वायरल हुई। मुज़फ्फरनगर का खुब्बापुर गांव,नेहा पब्लिक स्कूल और एक नफरती औरत (तथाकथित शिक्षिका) तृप्ता त्यागी का…यह औरत हिंदू बच्चों से एक बेक़सूर मुस्लिम बच्चे को बारी-बारी से पिटवा रही थी। वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने संज्ञान लिया… ईमानदारी से इस जहर बुझी औरत के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी लेकिन एक पत्रकार साथी ने खबर दी कि समझौता हो गया….
वर्ष 2008-9 से जिस तरह से सुनियोजित तरीके से अलगाववाद और नफरत फ़ैलाने का “संरक्षित अभियान” आरंभ हुआ वह अब पीक पर है…इस अभियान को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया गया….। धूर्तता पूर्ण तरीके से उन सभी पूर्वजों और नेताओं को टारगेट किया गया जिन्होंने इस मुल्क की आजादी में अपना सबकुछ झोंक दिया और मुल्क को एक प्रगतिवादी सोच की ओर ले गये….फिर सत्ता प्रतिष्ठानों से जुड़ी संस्थाओं में कार्यरत जाति विशेष के लोगों और घनघोर व कट्टर जातिवादी मीडिया को सहेजते हुए… तथाकथित भ्रष्टाचार का एक ऐसा बवंडर खड़ा किया गया जैसे कि ये देश अब खत्म होने वाला है। टू-जी स्पेक्ट्रम और कोल आवंटन घोटाला आपको स्मरण होगा….हालांकि सीएजी जिस रिपोर्ट पर हंगामा बरपा था उस रिपोर्ट के कर्ताधर्ता विनोद राय ने माफी भी मांग ली लेकिन तब तक जो बिगड़ना था वो बन बिगड़ चुका था। याद करिये-अन्ना हजारे, किरण बेदी, केजरीवाल, सिसौदिया, प्रशांत भूषण, लाला रामदेव….एक लंबी लिस्ट है….24 घंटे भ्रष्टाचार पर चर्चा और लोकपाल …..अब लोकपाल पर आपने कभी कोई चर्चा सुनी है…? मजेदार बात यह है कि जिस दल पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे वह जनता को RTI जैसा सशक्त हथियार दे रही थी.….!!!! जो मौजूदा “ईमानदार सरकार” है वह इसी RTI को अब कमोबेश भोथरा कर चुकी है….। अरबों-खरबों के बैंक घोटाले, सड़क निर्माण घोटाले, करोड़ों का बैंक लोन का राइट आफ, राफेल खरीद घोटाला, नोटबंदी घोटाला….लाइन लगी है लेकिन चर्चा सिरे से गायब है….पता है क्यों?…..ये सब कुछ नफरत की सड़ांध के बीच दबा दिया गया है…!!!
तथाकथित हिन्दुत्व का गर्व विवेक छीन चुका है…. नेताओं और देश के सम्पन्न व खाये पिये अघाए वर्ग ने अपने बच्चों का भविष्य तो सुरक्षित कर दिया है लेकिन आम आदमी के बच्चों को तथाकथित हिन्दुत्व की गर्भनली में डाल दिया है….। गोबरपट्टी का युवा-कावंड, चंदा, भंडारा, आरती, जागरण, शोभायात्रा में व्यस्त कर दिया गया है। जबकि हिन्दुत्व की परिभाषा कुछ यूं चलेगी है—हिन्दू बनाम मुस्लिम, हिन्दू बनाम ईसाई…यहां से हिन्दू बनाम सिक्ख, हिन्दू बनाम दलित, हिन्दू बनाम ओबीसी और अंत में सवर्ण हिंदू बनाम स्वर्ण हिंदू….शेष बचा जीरो बटा सन्नाटा……
लफ्फाजियों और नारों के मामलों में हमारे देश का कोई जवाब नहीं है… वसुधैव कुटुंबकम् की लंतरानी का सच यह है कि स्कूल की मैडम एक मुस्लिम बच्चे को हिन्दू बच्चों से पिटवा रही हैं…..यंत्र नारियस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता: का सच यह है कि पांच साल की बच्ची और 75 साल की बूढ़ी महिला तक से रेप होता है….आधी रात को बलात्कार की शिकार लड़की को फूंक दिया जाता है। बड़ी-बड़ी बातें छौंकने में हमारा कोई मुकाबला नहीं है। मध्यप्रदेश में 2947, यूपी में 2845 और महाराष्ट्र में यह संख्या 2496 रही है। देश में पांच वर्ष यानी 1825 दिनों में डेढ़ लाख महिलाओं से बलात्कार हुआ है। यानी रोजाना 87 महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है। एनसीआरबी रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित जाति के खिलाफ अत्याचार/अपराध में 2020 (50,291 मामले) की तुलना में 2021 में 1.2% (50,900) की वृद्धि हुई है. वहीं अनुसूचित जनजाति के साथ हो रहे अपराध के मामले सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में ही बढ़े हैं। NCRB रिपोर्ट में भारतीय जेलों में मुस्लिम कैदियों की संख्या 2021 में घटकर 18.7% हो गई है जबकि 2020 में यह 20.2% थी। वहीं भारतीय जेलों में हिंदू कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी है। बता दें कि हिंदू कैदियों की संख्या 2020 में 72.8%थी जो 2021 में बढ़कर 73.6% हो गई है।….यह नफरत का ही आलम है कि देश में बेरोजगारी दर सारी सीमाएं लांघ कर ओवर फ्लो हो चुकी है…। सबसे ज्यादा बुरी हालत गोबरपट्टी राज्यों की है…. लेकिन यहां का युवा सिर पर नफरत का ताज लगाकर धर्म की रक्षा कर रहा है।

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