अवधभूमि

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अपने को पुलिस इंस्पेक्टर समझने लगे आबकारी निरीक्षक:

बदनाम हो रहा आबकारी विभाग:

लखनऊ। आबकारी विभाग में निरीक्षक पद पर तैनात लोग अपनी सारी मर्यादा का खुला उल्लंघन करने लगे हैं। अभी कुछ महीने पहले लखनऊ में एक कैटल फीड बनाने वाली प्लांट पर छापा मारकर वसूली का दबाव बनाया गया था। इस प्रकरण में आशुतोष उपाध्याय और सुनीता ओझा जो कि आबकारी निरीक्षक हैं इनका दोषी मानते हुए विभाग ने सस्पेंड कर दिया। वहीं अब झांसी में भास्कर सिंह बघेल को रेलवे के फर्स्ट क्लास ऐसी कोच में अवैध रूप से यात्रा करने के आरोप में रेलवे  ने जुर्माना लगाया है । भास्कर सिंह बघेल टीटी को यह कहकर अरदब में ले रहे थे कि उनकी पहुंच शासन में बहुत तक है। इसी तरह भ्रष्टाचार के आरोप में ललितपुर के इंस्पेक्टर संजय कुमार गौतम को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

सहायक आबकारी आयुक्त भैया लाल भी चर्चा में:

कहा जा रहा है कि faizabad मंडल में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त पुलिस और आरटीओ की भांति ऐसे सभी वाहनों की जिनका आबकारी विभाग से कोई लेना देना नहीं है उनसे भी जमकर वसूली कर रहे हैं। सहायक आबकारी आयुक्त पर आरोप है कि कई विभाग के सिपाहियों के साथ चेक पोस्ट पर पहुंचकर वसूली शुरू कर देते हैं। आबकारी पुलिस की वर्दी पहनने के कारण लोग भ्रमित होकर इनके शिकार बन जाते हैं लेकिन वसूली चरम पर पहुंचने के कारण इसकी हर जबान पर चर्चा है। देखना है कि विभाग के बदनाम होने से पहले इन पर कोई कारवाई होती है या नहीं।

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