लखनऊ: मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र के बाद आबकारी विभाग में मानव संपदा पोर्टल द्वारा नियमानुसार ट्रांसफर किए जाने के आबकारी आयुक्त के दावे की हवा निकल गई है साथ ही अवध भूमि न्यूज़ की खबर की पुष्टि हो गई है। अब यह भी पुष्टि हो गई है कि ट्रांसफर पोस्टिंग के इस खेल में करोड़ों रुपए की वसूली हुई। सेंथिल पांडियन सी इस खेल के मास्टरमाइंड थे। उन्होंने फेक पोर्टल बनाकर सैकड़ों की संख्या में आबकारी निरीक्षकों का ट्रांसफर किया और दावा किया था कि सबकुछ पारदर्शी और नियमानुसार हुआ। इसी बीच कल मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एक पत्र जारी किया गया है जिसमें मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से 8 विभागों के ट्रांसफर पोस्टिंग का उल्लेख किया गया है जिसमें आबकारी विभाग का जिक्र नहीं है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी पत्र में यह भी कहा है कि अगस्त 2022में शासन की ओर से इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए थे जिसका पालन नहीं किया गया। पत्र में कहा गया है कि मार्च 2023 तक ऐसे सभी कार्मिकों को चिन्हित किया जाए जिनको नियमानुसार स्थानांतरित नहीं किया गया है। इस पत्र के बाद आबकारी आयुक्त के तथाकथित इमानदारी की पोल खुल गई है।
आबकारी आयुक्त ने किया था मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से निष्पक्ष एवं पारदर्शी स्थानांतरण का दावा:
आबकारी आयुक्त ने पूरे विभाग को गुमराह करते हुए 30 जून 2023 को एक विज्ञप्ति जारी कर दावा किया था कि सभी ट्रांसफर मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया गया है।
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