आबकारी सिपाही के बयान के बाद मुश्किल में फंसे सहायक आबकारी आयुक्त अरुण कुमार शुक्ला:
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भदोही में वसूली प्रकरण में नित नया खुलासा हो रहा है। लाइसेंसी राजकुमार ने लिखित रूप से बयान दिया है कि सहायक आबकारी आयुक्त अरुण कुमार शुक्ला दुकान की निरीक्षण के लिए आए थे और निरीक्षण के बाद उन्होंने सिपाही को ₹5000 देने के लिए कहा था। वसूली प्रकरण में निलंबित किए गए सिपाही के हवाले से जानकारी मिली है कि उस पर दुकानों से वसूली का पैसा कलेक्ट करने के लिए जबरन दबाव बनाया जाता था। कुल मिलाकर भदोही जनपद के लगभग सभी लाइसेंसी से सहायक आबकारी आयुक्त अरुण शुक्ला द्वारा वसूली हो रही थी। लाइसेंसी दुकानदारों की माने तो सहायक आबकारी आयुक्त बाकायदा लाइसेंसी दुकानदार को फसाने की धमकी देकर वसूली करते थे। दुकानों से उनके कोटे के अनुसार वसूली होती थी। भदोही जनपद से प्रति महीने 30 से 35 लख रुपए की वसली होती रही है। लाइसेंसी के लिखित बयान के बाद देखना है आबकारी आयुक्त कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं।
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डिप्टी एक्साइड कमिश्नर की भूमिका भी सवालों के घेरे में:
इस प्रकरण में डिप्टी एक्साइज कमिश्नर भी सवालों के घेरे में है। वसूली जैसी अवैध गतिविधि पर नजर रखने के लिए डिप्टी एक्साइज कमिश्नर की प्रवर्तन टीम सक्रिय रहती है लेकिन इस प्रकरण में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वसूली डिप्टी एक्साइज कमिश्नर की मर्जी से हो रही थी। इस मामले में सिपाही को निलंबित कर दिया गया लेकिन लाइसेंसी के एक बलिया बयान के बावजूद सहायक आबकारी आयुक्त पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही इससे यह पता चल रहा है कि मामले की लीपापोती डिप्टी लेवल से हो रही है।
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