अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

फर्जी पोर्टल ने किया करोड़ो का गबन:

एक्साइज ड्यूटी घोटाला

फर्जी जॉइंट डायरेक्टर डॉक्टर जोगिंदर सिंह पूर्व एडिशनल कंडीशनर हरिश्चंद्र श्रीवास्तव और आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह की भूमिका संदिग्ध:

लखनऊ। बीते मार्च और अप्रैल के महीने में आबकारी महक में बहुत बड़ा उत्पादन शुल्क घोटाला हुआ है। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि मार्च महीने में आबकारी विभाग में ओएसिस और मेंटर दो पोर्टल पर शराब कंपनियों का गेट पास और गोदाम का इंडेंट लग रहा था। अचानक आबकारी विभाग को याद आया कि मेंटर अवैध रूप से कार्य कर रहा है। आबकारी आयुक्त ने मैटर के जरिए किसी भी प्रकार के ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी। रोक लगने से पहले cl2 और fl2 गोदाम के सैकड़ो इंडेंट मेंटर पोर्टल पर लग चुके थे। 1 अप्रैल से मैटर पोर्टल जोगी पूर्व एडिशनल एक्साइज कमिश्नर लाइसेंस हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के रिश्तेदार अशोक श्रीवास्तव द्वारा संचालित है आबकारी विभाग से पोर्टल पर जो भी डाटा था उसको शेयर किए बिना फरार हो गया। सबसे बड़ी जानकारी यह मिल रही है कि कई गोदाम ने मैटर पोर्टल के जरिए करोड़ों रुपए का इंडेंट लगा रखा था जो आबकारी विभाग के अधिकृत ओएसिस पोर्टल पर अब शो नहीं कर रहा है। cl2 और fl2 गोदाम के लाइसेंसी परेशान है। बार-बार लिखा पड़ी के बावजूद मेंटल पोर्टल पर जो इंडेंट लगाया गया था उसको आबकारी विभाग स्वीकार करने को तैयार नहीं है ऐसी स्थिति में लगभग 50 करोड रुपए मैटर पोर्टल जो कि फर्जी और अवैध तरीके से आबकारी विभाग में चल रहा था उसमें पैसा फस गया है और माना जा रहा है कि यह धनराशि गबन हो गई है। इस गबन का मास्टरमाइंड डॉक्टर जोगिंदर सिंह नाम का एक फर्जी जॉइंट डायरेक्टर बताया जा रहा है इसके साथ ही जॉइंट एक्साइज कमिश्नर टास्क फोर्स अरविंद कुमार राय एडिशनल कमिश्नर प्रशासन ज्ञानेश्वर त्रिपाठी और कमिश्नर डॉक्टर आदर्श सिंह ने मिलकर यह गबन किया है।

झांसी के गोदाम के इंडेंट का 32 लाख रुपया डकार गया मेंटर पोर्टल:

मिली सूचना के मुताबिक झांसी की cl2 गोदाम की लाइसेंस होल्डर राजकुमारी यादव ने विभाग को पत्र लिखकर शिकायत किया है कि मेंटर पोर्टल के जरिए 1800 पेटी के लिए 3192210 रुपए का इंडेंट विभाग के अधिकृत IESCMS पर लगाया था लेकिन यह धनराशि आज तक आईईएससीएमएस पोर्टल पर शो नहीं कर रहा है। माना जा रहा है कि यह धनराशि जॉइंट टास्क फोर्स अरविंद कुमार राय और कथित रूप से जॉइंट डायरेक्टर स्टैटिक जोगिंदर सिंह कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर के बीच बंदर बांट हो गया।

अप एक्साइड डिपार्टमेंट ने लाइसेंसी को ई रिसिप्ट उपलब्ध कराई है जिसमें आईईएससीएमएस पोर्टल पर 31 लाख 92210 जमा होने की उसकी हुई है बावजूद इसके विभाग के IESCMS पोर्टल पर एक्साइज ड्यूटी की यह धनराशि शो नहीं कर रही है।

जोगिंदर सिंह का खेल:

फर्जी जॉइंट डायरेक्टर और आंकड़ों में हेरा फेरी करने के लिए माहिर डॉक्टर जोगिंदर सिंह ने मैटर पोर्टल के जरिए जमा एक एक्साइज ड्यूटी हड़पने के लिए लाइसेंसी को परेशान करने की नीयत से एडवांस रजिस्टर का विवरण और पोर्टल की रसीद मेल के जरिए जमा करने को कहा लाइसेंसी ने एडवांस रजिस्टर और रसीद को मेल के जरिए जमा भी कर दिया फिर भी अभी तक आबकारी विभाग के पोर्टल पर यह एक्साइज ड्यूटी शो नहीं कर रही है।

त्रिवेणी डिस्टलरी के सहायक आबकारी आयुक्त ने भी मैटर पोर्टल पर धनराशि जमा होने की पुष्टि की

सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि त्रिवेणी आसवनी मैं तैनाद सहायक आबकारी आयुक्त ने भी लिखित रुप से पुष्टि की है कि झांसी के cl2 के लाइसेंसी का इंडेंट की धनराशि मेंटर पोर्टल पर जमा हुआ है। फिर भी अभी तक यह धनराशि आबकारी विभाग के अधिकृत पोर्टल पर नहीं नजर आ रही है।

मैटर पर फंसे हैं 50 करोड रुपए से ज्यादा

भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि मेंटर पोर्टल के जरिए इसी तरह लगभग 50 करोड रुपए फंसा हुआ है। मैटर के करता धर्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव जो की पूर्व एडिशनल एक्साइज कमिश्नर लाइसेंस रहे वर्तमान में जाम पोर्टल के जरिए संविदा पर फिर यही पोर्टल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं सारा खेल उनका और जॉइंट एक्साइज कमिश्नर टास्क फोर्स अरविंद कुमार राय के साथ-साथ एडिशनल कंडीशनर और कमिश्नर का भी है।

आबकारी आयुक्त को बताना होगा कि अवैध रूप से मैटर पोर्टल पिछले 4 सालों से कम कर रहा था और उसके जरिए गेट पास और इंडेंट लग रहे थे। मैटर के जरिए जितने भी फर्जी गेट पास बने और इंडेंट लगे सब की जांच प्रवर्तन निदेशालय के जरिए होनी चाहिए जिससे पता चल सके कि इस खेल से आबकारी विभाग को कितने हजार करोड़ का चूना लगा है। कहां जा रहा है कि मैटर पोर्टल के जरिए एक शराब कंपनी ने 800 करोड रुपए का एक्साइज ड्यूटी घोटाला किया है जिसकी जांच कैग ने की थी लेकिन आज तक विभाग उस पर खामोश है।

About Author