
नई दिल्ली। वक्फ विधेयक के मुद्दे पर आखिरकार सरकार को मुसलमान और अपने सहयोगी दलों के सामने झुकना पड़ गया।
मुसलमान की सबसे बड़ी जीत इसी बात की हुई है कि विधेयक का कोई भी संशोधन पुरानी मस्जिदों मदरसे ईदगाह इमामबाड़ा या वक्फ की जमीनों पर लागू नहीं होगा। यदि ऐसा होता है तो पुरानी संपत्तियों पर सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं कर पाएगी। संशोधन के मुताबिक वक्फ में वही अपनी संपत्ति का दान कर पाएगा जो काम से कम 5 साल तक इस्लाम धर्म के सभी नियमों का पालन करने वाला हो। एक अन्य संशोधन के मुताबिक वक्फ बोर्ड में एक इस्लामिक स्कॉलर भी रखा जाएगा।
कुल मिलाकर संशोधन के जो प्रस्ताव रखे जा रहे हैं उससे वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण और ही कमजोर होगा जबकि वक्फ बोर्ड और मजबूत हो जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि कल यह विधेयक पास हो जाएगा क्योंकि इस स्वरूप में जनता दल यू और टीडीपी दोनों ही विरोध नहीं करेंगे।
More Stories
सुरक्षा में लापरवाही हुई:
आतंकी हमले के विरोध में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन:
ट्रांसफर पॉलिसी मई के अंत में: