अवधभूमि

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लखनऊ में टपरी शराब घोटाले की काली कमाई:

आबकारी विभाग के अधिकारियों ने की थी शराब तस्करी:

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़े घोटाले के रूप में सहारनपुर के टपरी स्थित कोऑपरेटिव डिस्टलरी से आबकारी विभाग के अधिकारियों ने अवैध शराब की निकासी करवाते हुए बदायूं उन्नाव कानपुर जौनपुर आदि करीब आधा दर्जन जनपदों में 100 करोड रुपए से अधिक की शराब की लाइसेंसी दुकानों के माध्यम से बिक्री करवाई। इस मामले की अभी भी जांच चल रही है लेकिन विभाग के बड़े अधिकारी टपरी शराब कान के गुनहगार अधिकारियों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। टपरी शराब कांड में करीब 100 करोड रुपए का घोटाला हुआ था।  अब कहा जा रहा है कि टपरी शराब कांड की काली कमाई का बड़ा हिस्सा आबकारी विभाग के अधिकारियों ने लखनऊ में ही बड़ी-बड़ी संपत्तियां खड़ी कर दी हैं। अवध भूमि न्यूज़ को पता चला है कि विजयंत खंड में एक सहायक आबकारी आयुक्त की पत्नी के नाम से 290 वर्ग मीटर की करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी है और इस प्रॉपर्टी का विवरण आबकारी अधिकारी ने अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दर्शाया है। इसके अलावा लखनऊ में ही बहुमूल्य 14 अपार्टमेंट ऐसे हैं जो आबकारी अधिकारियों की काली कमाई से खरीदे गए हैं। अभी हाल ही में जॉइंट ईआईबी जैनेंद्र उपाध्याय की भी करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला है। मिली जानकारी के मुताबिक उनके करोड़ों रुपए के फ्लैट में फिलहाल पूर्व प्रमुख सचिव संजय भूस रेड्डी निवास कर रहे हैं। यह भी बताया जा रहा है कि जैनेंद्र उपाध्याय ने करोड़ों रुपए का यह फ्लैट पूर्व प्रमुख सचिव को रिश्वत के रूप में दिया और बदले में ज्वाइंट ईआइबी की पोस्ट हथिया ली। इस पोस्ट पर रहते हुए हर महीने लगभग 2 से 5 करोड रुपए की वसूली करते रहे और कमिश्नर तथा प्रमुख सचिव के भी लाडले बने रहे।

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