
प्रयागराज। डिजिटल अल्कोहल मीटर खरीद में नियम कानून को ताक पर रखकर करोड़ों की हेराफेरी करने वाले सभाजीत वर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक और जहां उनके द्वारा पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपया अर्जित करने के मामले में लोकायुक्त की जांच चल रही है वही इसी मामले में आयकर विभाग ने भी मामला दर्ज कर लिया है।
एक आरटीआई के जवाब में आयकर विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि आबकारी विभाग के तकनीकी अधिकारी सभा जीत वर्मा के खिलाफ शिकायत मिली है । मिली शिकायत के आधार पर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

खुली सभा जीत बर्मा के झूठ की पोल:
इसके पहले आबकारी मुख्यालय पर आयकर विभाग इलाहाबाद के एक वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी पर तकनीकी अधिकारी सभाजीत वर्मा ने यह कहकर सफाई दी थी कि आगंतुक आयकर अधिकारी से उनकी निजी मित्रता है। और मित्रता के नाते वह उनसे मिलने आए थे लेकिन आरटीआई के जवाब से स्पष्ट हुआ है कि वह मित्रता के नाते नहीं बल्कि शिकायतकर्ता के आरोपों के संबंध में उनसे पूछताछ के लिए आए थे।
बता दें कि 29 मई को आबकारी मुख्यालय के गेट के पास इलाहाबाद के आयकर विभाग के उपायुक्त की गाड़ी खड़ी हुई और उसमें से तीन चार लोग आबकारी मुख्यालय में दाखिल हुए तथा सीधे सभा जीत बर्मा के कक्ष में पहुंचे जहां कम से कम 3 घंटे तक बंद कमरे में सभाजीत वर्मा के साथ बातचीत की। जिसके बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में सभाजीत वर्मा से पूछताछ की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई थी। इस मामले में तब सभाजीत वर्मा ने यह कह कर सफाई दी थी कि आगंतुक आयकर विभाग के अधिकारी उनके मित्र हैं लेकिन आरटीआई के जवाब से अब खुलासा हुआ है की आयकर विभाग इलाहाबाद उनके खिलाफ शिकायतों की जांच कर रहा है। इससे सभाजीत वर्मा के झूठ की पोल खुल गई है।
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