
लखनऊ। आबकारी विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस पर काम करते दिखाई दे रहे हैं। आबकारी आयुक्त और उनके करीबियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए मंत्री ने आबकारी विभाग में एक नई व्यवस्था बना दी है। मोलासेस का आवंटन संबंधी सारे दायित्व आबकारी आयुक्त से ले लिए गए हैं और साथ ही साथ ट्रांसफर पोस्टिंग और पोर्टल संबंधित दायित्व भी आबकारी आयुक्त के अधीन अब नहीं रहेगा। विभाग के मंत्री आबकारी आयोग और प्रमुख सचिव से नाराज बताए जा रहे हैं। उक्त दोनों अधिकारियों ने ही लॉटरी प्रक्रिया विफल करने के लिए शराब माफियाओं के हित में दुकानों के नवीनीकरण पर जोर दिया था जिसको मंत्री ने सिरे से खारिज कर दिया और अब उसका परिणाम सामने आ रहा है कि उत्तर प्रदेश के बड़े शराब माफियाओं की कमर टूट गई है लगभग 32000 दुकानों पर मध्यम आय वर्ग के व्यवसाईयों को भी मौका मिला है। कुछ समय पहले तक आपकारी विभाग में लॉटरी की बात को संभव माना जा रहा था कहां जा रहा था कि शराब माफियाओं के आगे विभाग लचर और बेबस है लेकिन मंत्री नितिन अग्रवाल ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से विभाग के उन अधिकारियों को जो शराब माफियाओं के इशारों पर नाचते थे उनको घुटनों के बल पर ला दिया।
ट्रांसफर पोस्टिंग में मनमानी और मोलासेस आवंटन में घोटाले की जांच के लिए की गई है नए अधिकारी की तैनाती:
विभागीय सूत्रों का कहना है कि आबकारी आयुक्त और प्रमुख सचिव मोलासेस के आवंटन और ट्रांसफर पोस्टिंग तथा एडिशनल चार्ज के खेल में भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब गए जिसकी शिकायत नियमित रूप से शासन और मंत्री तक पहुंच रही थी। किसी से नाराज मंत्री ने विभाग पर सर्जिकल स्ट्राइक की और पूरी व्यवस्था को ही बदल दिया है अब आबकारी आयुक्त की हैसियत एडिशनल प्रशासन से अधिक कुछ भी नहीं है। विभाग के मंत्री की अंगना केवल विभाग पर सीधी नजर रहेगी बल्कि अधिकारियों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा। बताते चले Aकि गत 18 मार्च को तेज तर्रार अधिकारी नवनीत सेहरा की पोस्टिंग करके भ्रष्ट अधिकारियों और शराब माफिया की नींद उड़ा दी है।
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