एसपी सिंह को शासन से मिली थी क्लीन चिट लेकिन अरविंद कुमार राय और दिलीप मणि त्रिपाठी ने कर दिया था खेल:
विभाग पर लगा ₹50000 का जुर्माना
प्रयागराज। अभी हाल ही में आबकारी विभाग को अपने एक बर्खास्त अधिकारी एसपी सिंह को प्रमुख सचिव द्वारा डिप्टी और जॉइंट के रैंक पर पदोन्नति एवं तदनुसार पेंशन का आदेश दिया गया है।
इसी प्रकरण में विभाग के ऊपर हाईकोर्ट ने 50000 रुपए जुर्माना भी लगाया और यह जमाने की रकम पीड़ित अधिकारी एसपी सिंह को करने का आदेश दिया गया था जो अभी तक नहीं दिया गया है।
इस प्रकरण में अब एक नई कहानी सामने आ रही है। अवध भूमि न्यूज़ को कुछ ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं जिससे यह प्रमाणित हो रहा है कि एसपी सिंह के प्रकरण में हाई कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी ने सुनवाई करते हुए उन्हें दोष मुक्त किया था तथा पदोन्नति वेतन वृद्धि समेत सभी देयक भुगतान करने का भी निर्देश दिया था लेकिन प्रमुख सचिव के इस पत्र को जानबूझकर तत्कालीन डिप्टी कार्मिक आरसी मिश्रा अरविंद कुमार राय और दिलीप मणि त्रिपाठी ने दबा कर रखा जिसका खामियाजा हाईकोर्ट में फिर से आबकारी विभाग को भुगतना पड़ा यहां पर विभाग को कड़ी फटकार लगाई गई और ₹50000 का जुर्माना भी हाईकोर्ट ने लगाया है यह जुर्माना एसपी सिंह को देना है जो कि अभी तक नहीं मिला है।
प्रमुख सचिव बीना कुमारी मीणा के स्तर पर पीड़ित एसपी सिंह को मिली राहत:
बताया जाता है कि पूरे प्रकरण को जब प्रमुख सचिव बीना कुमारी मीना के सामने रखा गया तो वह विभाग के कई अधिकारियों पर बेहद नाराज हुई और तुरंत एसपी सिंह को जॉइंट रैंक की ग्रेच्युटी फंड और पेंशन देने का निर्देश दिया।
दिलीप मणि त्रिपाठी अरविंद कुमार राय की सत्य निष्ठा पर संदेह:
उपलब्ध दस्तावेज यह स्पष्ट इशारा करते हैं कि वर्तमान में एडिशनल कमिश्नर लाइसेंस और जॉइंट एक्साइज कमिश्नर लखनऊ दिलीप कुमार मणि त्रिपाठी ने जानबूझकर प्रमुख सचिव स्तर से जारी आदेश को जानबूझकर दबा कर रखा जिसकी वजह से पीड़ित अधिकारी को समय से न्याय नहीं मिल पाया और विभाग की हाईकोर्ट में भी फजीहत हुई
दोनों अधिकारियों की सत्य निष्ठा पूरी तरह संदिग्ध है इन पर अभियोग चलाने के बजाय इनको पदोन्नति मिल गई और मलाईदार पदों पर पोस्टिंग भी हो गई इससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है। बताया जा रहा है कि वर्तमान प्रमुख सचिव जल्द ही इन अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई कर सकती हैं।
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