चीनी मिल और डिस्टलरी में शराब माफिया कर रहे खेल:
प्रयागराज। आबकारी आयुक्त और शासन में बैठे दिव्य प्रकाश गिरी ने एडिशनल चार्ज देने में ऐसा खेल किया है जिससे प्रतीत हो रहा है कि एक बार फिर सहारनपुर के टपरी जैसा मामला सामने आ सकता है।
तीन सहायक आबकारी आयुक्त
की मूल पोस्टिंग मुख्यालय में और एडिशनल चार्ज 400 किलोमीटर से अधिक दूर शुगर मिल और डिस्टलरी में:
मुख्यालय में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक मुबारक अली की मूल पोस्टिंग आबकारी मुख्यालय में है लेकिन उनकी पोस्टिंग लखीमपुर खीरी के गोविंद शुगर मिल में है जहां चीनी की अवैध निकासी और शीरे पर नजर रखना सहायक आबकारी आयुक्त का ही काम है फिलहाल शुगर मिल प्रबन्धन के लिए खुला मैदान छोड़ दिया गया है। इस संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त मुबारक अली का कहना है कि उन्होंने अभी तक शुगर मिल का चार्ज नहीं लिया ऐसे में सवाल उठता है कि बिना सहायक आबकारी आयुक्त के शुगर मिल में अवैध चीनी और शीरे की निकासी को कौन नियंत्रित कर रहा है। फिलहाल इसका जवाब आबकारी आयुक्त और प्रमुख सचिव के पास भी नहीं है।
इसी तरह आबकारी मुख्यालय में मूल रूप से सहायक आबकारी आयुक्त विधि की पोस्ट पर तैनात राजेश सिंह को रामकोट सीतापुर स्थित डालमिया डिस्टलरी में सहायक आबकारी आयुक्त का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है और आज तक वह इस डिस्टलरी में नहीं पहुंचे यहां शराब की अवैध निकासी और उत्पादन को कौन नियंत्रित कर रहा है कहना मुश्किल है।
राजेश मिश्रा जो कि मुख्यालय में सहायक आबकारी आयुक्त टास्क फोर्स के रूप में मूल रूप से तैनात हैं इनकी अतिरिक्त पोस्टिंग राजश्री फाइन केमिकल इंडस्ट्री शाहजहांपुर में है। एक ही समय में प्रयागराज मुख्यालय और यहां से 400 किलोमीटर दूर शाहजहांपुर में अपने दायित्व का निर्वाह कैसे कर रहे हैं यह चमत्कार केवल आबकारी मुख्यालय ही कर सकता है।
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