
नई दिल्ली। भाजपा संगठन के 22 प्रांत अध्यक्षों के निर्वाचन के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर हलचल तेज हो गई है। मेरी जानकारी के मुताबिक गुरु पूर्णिमा तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हो जाना है लेकिन उसके पहले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दिल्ली में अपने सभी प्रांत प्रचारकों और वरिष्ठ पदाधिकारी की बड़ी बैठक 4, 5 और 6 जुलाई को बुला ली है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यह बड़ी बैठक किसी बड़े फैसले की ओर इशारा कर रहे हैं। राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा आम है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ बड़ा करने वाला है। क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी में मतभेद हैं। क्या आरएसएस बीजेपी अध्यक्ष के चयन में इस बार किसी समझौते के मूड में नहीं है। यह ऐसे बड़े सवाल हैं जिसका परिणाम अगले दो-तीन दिनों में देखने को मिलेगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बैठक को लेकर क्या कहा:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक प्रतिवर्ष जुलाई में होती है. इस साल 4,5 और 6 जुलाई को होने वाली इस बैठक में 46 प्रांतों के प्रांत प्रचारक और सह प्रांत प्रचारक इसमें शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में सभी प्रांतों में संघ के कामों के विस्तार के विषय में डिस्कशन होता है. आने वाले समस्या का समाधान निकाला जाता है. संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के साल के कार्यक्रमों की समीक्षा भी इस बैठक में होगी.
सुनील आंबेकर ने कहा कि जुलाई के इस बैठक में संघ प्रशिक्षण वर्ग जो पिछले तीन महीने में आयोजित किए गए हैं, उनकी समीक्षा इस बैठक में होगी. इस वर्ष 100 वर्ग अभी तक हो चुका है.
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