अवधभूमि

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तो क्या अंडर एस्टीमेट हो रहे योगी:

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 60000 पुलिस कर्मियों की भर्ती का नियुक्ति पत्र गृह मंत्री अमित शाह बाटेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में गृह मंत्री अमित शाह इस बड़ी भारती के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे जिसके बड़े सियासी मायने निकल जा रहे हैं। जब तमाम दिक्कतों के बाद इस बड़ी भारती को अंजाम दिया गया तो नियुक्ति पत्र बांटने गृह मंत्री अमित शाह आ धमके । ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें ऐसा करने के लिए आमंत्रित किया था या फिर उन्होंने स्वयं से यह कार्यक्रम तय कर दिया फिलहाल स्कूल लेकर कुछ भी क्लेरिफाई नहीं हो पा रहा है। लोग तो यह कह रहे हैं कि अमित शाह ने अपना कार्यक्रम और मुख्यमंत्री उन्हें मना नहीं कर पाए।

क्या हो सकती है रणनीति:

जानकारों का मानना है कि अमित शाह का यह कार्यक्रम अनायास नहीं है बल्कि यह सोची समझी रणनीति का हिस्सा है यदि नियुक्ति पत्र वितरण के समय अकेले मुख्यमंत्री मौजूद रहते तो उनका सियासी दबदबा और बढ़ सकता था जिसको मीडिया में साइड लाइन करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का यह कार्यक्रम तैयार किया गया। अमित शाह की मौजूदगी में दोनों उपमुख्यमंत्री जो योगी आदित्यनाथ को पसंद नहीं करते हैं इसके अलावा संजय निषाद और ओमप्रकाश राजभर जो कि योगी आदित्यनाथ की पसंद नहीं है उनका भी अमित शाह की मौजूदगी में जोश बरकरार रहेगा। हो सकता है अमित शाह यहां मंच पर अखिलेश यादव के पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक कॉन्बिनेशन के काउंटर में कुछ ऐसी बात बोले जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भविष्य का खुलासा कर दे। अमित शाह यहां जिसकी भी तारीफ करेंगे उसी का पॉलिटिकल कैरियर ऊपर जा सकता है।

चर्चा यह भी है:

इस बात की भी जोरदार चर्चा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ न केवल नए अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के 75 वर्ष के कार्यकाल के बाद उनके सेवा विस्तार को रोकना चाहता है बल्कि कई मुख्यमंत्री भी संघ से दूरी बनाकर चल रहे हैं उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी नाम शामिल है कहीं ऐसा तो नहीं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निशाने पर आने वाले नेता अपनी आपसी दुश्मनी भूल कर एकजुटता दिखा रहे हैं और इसी कार्यक्रम के तहत अमित शाह और योगी एक मंच पर आ रहे हैं और योगी अमित शाह के हाथों नियुक्ति पत्र वितरित करवा कर यह संदेश देना चाहते हैं कि दिल्ली से उनके रिश्ते अच्छे हैं। अगर इस अटकल में दम है तो मुख्यमंत्री अपने चाहते मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़वा सकते हैं और योगी आदित्यनाथ की खुले मन से तारीफ भी हो सकती है।

फिलहाल सभी की निगाहें अमित शाह के 15 जून को लखनऊ में होने वाले दौरे पर हैं।

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