लखनऊ । महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। विभाग में जहां ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर सवाल उठ रहे है वही एक भ्रष्ट्र जिला प्रोबेशन अधिकारी विभागीय मंत्री से अपनी करीबी के चलते चर्चा में बना हुआ है। यह प्रोबेशन अधिकारी इतना अधिक ताकतवर है कि सत्ता रूढ़ दल के विधायक की शिकायत के बावजूद राकेश कुमार पांडेय के खिलाफ उच्चाधिकारी किसी प्रकार के कोई कार्रवाई करने की हिम्मत प्रमुख सचिव भी नहीं जुटा पा रही है। सहारनपुर में जिला प्रवेश अधिकारी के रूप में तैनात राकेश कुमार पांडे की दबंगई इतनी ज्यादा है कि सहारनपुर के कमिश्नर के आदेश को भी रद्दी की टोकरी में डाल देता है। इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के सहारनपुर जनपद की गंगोह सीट से विधायक कीरत सिंह ने आरोपी परियोजना अधिकारी के खिलाफ लिखित शिकायत की लेकिन विभागीय मंत्री बेबी रानी मौर्य के वीटो के चलते बच निकला।
यह बात समझ से परे है कि जिस प्रोबेशन अधिकारी के खिलाफ कमिश्नर सहारनपुर ने अपनी विभागीय रिपोर्ट में कहा है कि राकेश कुमार पांडे बाल गृहों में रखी गई लड़कियों से उनके परिजनों के मिलने के एवरेज में ₹5000 तक की वसूली करता है और ससुराली जनों को लड़की को सौंपने के एवज में 1 से 2 लख रुपए तक वसूल करता है और विभाग की छवि खराब कर रहा है ऐसा भ्रष्ट अधिकारी आखिर विभागीय मंत्री बेबी रानी मौर्य का करीबी कैसे हो गया। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं।
सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि विभाग की अपर मुख्य सचिव वीना कुमारी मीणा के संज्ञान में पूरा मामला है फिर भी वह कुछ भी कार्रवाई करने में अपने को लाचार महसूस कर रही हैं।
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