कोर्ट ने याचिका कर्ताओ को दी बड़ी बड़ी राहत:

लखनऊ। पेंशन राशिकरण मुद्दे पर हाई कोर्ट का रुख करने वाले 100 से अधिक पेंशन धारकों को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अवधि को घटाने की याचिका पर कोर्ट ने सैद्धांतिक सहमति जताई है जिससे टेंशन धारकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। याचिका कर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि जिस समय पेंशन कटौती की अवधि 15 वर्ष निर्धारित हुई थी उसे समय बैंक का ब्याज दर 12 फ़ीसदी था जबकि इस समय मिलने वाली ब्याज 6 से 7% के बीच है इसलिए पेंशन में कटौती अवधि को घटकर 10 वर्ष किया जाना चाहिए पड़ोसी राज्य पंजाब और राजस्थान में पेंशन में कटौती अवधि से कम है इस पर सरकार की ओर से दलील दी गई कि सरकार पेंशन राशि करण का एक मुक्त नगद भुगतान करती है और यदि पेंशन राशि करण के कुछ दिन बाद ही पेंशन धारक की मृत्यु हो जाती है तो कटौती स्वत: समाप्त हो जाती है। इसलिए कटौती की जो अवधि निश्चित है वह उचित है। कोर्ट इस दलील से संतुष्ट नहीं हुआ।
100 से अधिक पेंशन धारक जो व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हुए उन्हें राहत मिल गई है ऐसे में प्रदेश सरकार को फजीहत से बचने के लिए कटौती अवधि के संबंध में कोर्ट के आदेश को मान लेना चाहिए जिससे से अदालत में सरकार को अनावश्यक व्यय और कर्मचारी विरोधी छवि का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
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