ट्रैक ऐंड ट्रैस सिस्टम घोटाले का मास्टरमाइंड बना रहा आबकारी नीति:
लखनऊ। नए वित्त वर्ष के लिए आबकारी नीति बनाने की प्रक्रिया शुरुआत में ही विवादों में आ गई है। आबकारी नीति बनाने की जिम्मेदारी विभाग के कुछ दागी और रिटायर्ड अधिकारियों को दी गई है। जेम पोर्टल के जरिए तैनात हरिश्चंद्र श्रीवास्तव जिनको 500 करोड़ रुपये का ट्रैक ऐंड ट्रैस सिस्टम घोटाले का मास्टरमाइंड भी बताया जा रहा है फिलहाल उसको ही नई आबकारी नीति बनाने की जिम्मेदारी दे दी गई है। हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के बारे में बताया जा रहा है कि वह एक बड़ी शराब कंपनी के पक्ष में आबकारी नीति तैयार करने के लिए प्रयास कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि नई शराब नीति शराब माफियाओं के सहूलियत के हिसाब से बनेगी। इसका इशारा उसे समय मिल गया जब प्रदेश के फुटकर लाइसेंसी संगठन के साथ आबकारी आयुक्त की बैठक में हरिश्चंद्र श्रीवास्तव और गिरीश चंद्र मिश्रा जैसे ठेके पर रखे गए अधिकारी कर्मचारी फुटकर विक्रेताओं से आबकारी नीति को लेकर विचार विमर्श करते दिखाई दिए। इसको लेकर कानाफूसी शुरू हो गई कुछ लोगों ने कहा कि लगता है कि आबकरी नीति इस बार शराब माफिया तय करेंगे क्योंकि उनके लोग ही नई शराब नीति को तैयार कर रहे हैं। आबकारी नीति तैयार करने की प्रक्रिया बेहद संवेदनशील जटिल और गुप्त रखी जाती है ऐसे में इसकी जानकारी आउट सोर्सिंग के जरिये ठेके पर अच्छे के कर्मचारियों से शेयर करना बहुत बड़ा अपराध है और इसकी जांच होनी चाहिए।
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