
जोधपुर, 25 अगस्त 2025 –
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) 5 से 7 सितंबर तक जोधपुर में तीन दिवसीय समन्वय बैठक आयोजित करेगा। इस बैठक में सिर्फ संगठनात्मक समीक्षा ही नहीं बल्कि BJP अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा फैसला भी संभव है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत, महासचिव दत्तात्रेय होसबाले, RSS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी, BJP के दिग्गज नेता और 32 सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी इसमें हिस्सा लेंगे।
🔴 अध्यक्ष पद पर संघ का दबाव
सूत्रों के अनुसार, मोहन भागवत अध्यक्ष पद पर घोषणा टाले जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। यही कारण है कि इस बार जोधपुर बैठक में संघ अपनी पसंद का नाम आगे बढ़ाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर दबाव बना सकता है।
👉 कहा जा रहा है कि संघ की पसंद का नया अध्यक्ष मोदी-शाह की मर्जी से अलग हो सकता है, और यही सबसे बड़ा टकराव का कारण है।
⚡ शाह बनाम भागवत घमासान
- अमित शाह की चाहत : अध्यक्ष पूरी तरह मोदी-शाह टीम के अनुरूप हो।
- मोहन भागवत का रुख : अध्यक्ष संगठननिष्ठ और विचारधारा पर आधारित चेहरा होना चाहिए।
- तनाव : इसी मुद्दे पर शाह और भागवत के बीच खींचतान और घमासान चरम पर है।
🟠 संभावित दावेदारों के नाम
सूत्रों के अनुसार, अध्यक्ष पद के लिए कई नामों पर चर्चा है—
- भूपेंद्र यादव – केंद्रीय मंत्री, शाह के सबसे भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं। शाह-मोदी गुट की पहली पसंद।
- धर्मेंद्र प्रधान – संगठन और सरकार दोनों में संतुलन रखने वाले नेता। संघ और सरकार, दोनों धड़ों को साधने की क्षमता।
- ओम माथुर – राजस्थान से आने वाले पुराने संगठनकारी, संघ की पसंदीदा सूची में।
- सुरेश भट्ट ‘भैया जी’ जोशी (पूर्व सरकार्यवाह) – अगर संघ ‘पारंपरिक और विचारधारा आधारित’ विकल्प पर जाए तो नाम उभर सकता है।
- अनुराग ठाकुर / वसुंधरा राजे जैसे चेहरे – हालांकि चर्चा में हैं, लेकिन संभावना कम बताई जा रही है क्योंकि संघ युवा और संगठननिष्ठ चेहरे पर जोर दे सकता है।
- संजय विनायक जोशी संघ प्रमुख मोहन भागवत के सबसे विश्वास पात्र है माना जा रहा है कि संघ प्रमुख की ओर से एकमात्र नाम संजय विनायक जोशी भाजपा अध्यक्ष पद के लिए दावेदार हैं और यही पेच फंसा है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों संजय विनायक जोशी के नाम पर सहमत नहीं है यही वह मामला है जिसकी वजह से अध्यक्ष पद पर घोषणा नहीं हो पा रही है।
👉 यहाँ सबसे बड़ा पेंच यही है कि संघ अपनी पसंद (ओम माथुर जैसे संगठननिष्ठ) को आगे बढ़ाएगा, या शाह अपनी पसंद (भूपेंद्र यादव जैसे भरोसेमंद) पर टिके रहेंगे।
🟠 बैकग्राउंड : कब से टलती आ रही घोषणा?
- जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में पूरा हो गया था।
- उसके बाद उन्हें विस्तार देकर पद पर बनाए रखा गया।
- संघ चाहता था कि अब नया चेहरा आए, लेकिन मोदी-शाह गुट ने इस फैसले को बार-बार टाला।
- यही देरी अब संघ की नाराजगी और शक्ति संघर्ष का बड़ा कारण है।
🔥 क्यों अहम है यह जोधपुर बैठक?
- RSS लंबे समय से मानता है कि BJP अत्यधिक व्यक्तिनिष्ठ और हाईकमान कल्चर की ओर बढ़ रही है।
- अगर भागवत अपनी पसंद का अध्यक्ष घोषित करते हैं, तो BJP में शक्ति संतुलन बदल जाएगा।
- यह बैठक सिर्फ अध्यक्ष पद का ऐलान नहीं बल्कि आने वाले वर्षों में BJP और RSS के रिश्तों की नई परिभाषा तय करेगी।
👉 अब सबकी नजरें जोधपुर की तीन दिवसीय समन्वय बैठक पर हैं। यहां लिया गया फैसला BJP की आगामी चुनावी रणनीति, संगठन की दिशा और मोदी-शाह की ताकत पर सीधा असर डालेगा।
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