
राहुल गांधी का वार: “भारत का प्रधानमंत्री कमजोर है, इसलिए अमेरिका अत्याचार कर पा रहा है”
नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा एच-1बी वीज़ा पर 100,000 डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाए जाने के फैसले ने भारतीय आईटी सेक्टर और पेशेवरों को गहरा झटका दिया है। इस फैसले के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्हें “कमज़ोर प्रधानमंत्री” करार दिया है।
राहुल गांधी का बयान
- “भारत का प्रधानमंत्री कमजोर है, इसलिए अमेरिका भारतीय पेशेवरों के साथ इतना बड़ा अत्याचार कर पा रहा है।”
- “कांग्रेस ने 2017 में ही चेतावनी दी थी कि अमेरिका एच-1बी वीज़ा पर कठोर कदम उठा सकता है, लेकिन मोदी सरकार ने कोई तैयारी नहीं की।”
- “मोदी सरकार की विदेश नीति सिर्फ दिखावा और फोटो-ऑप्स है। असली मुद्दों पर सरकार हमेशा रणनीतिक चुप्पी साधे रहती है।”
अमेरिकी फैसले का असर
- भारतीय आईटी कंपनियों पर लागत का भारी बोझ।
- लाखों भारतीय पेशेवरों और छात्रों के लिए करियर संकट।
- भारत की सर्विस इकॉनमी को गहरा झटका।
मोदी सरकार पर सीधा हमला
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने अमेरिका से रिश्तों में केवल “दिखावटी दोस्ती” दिखाई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी विदेशी दौरों और सार्वजनिक सभाओं में ताली बजवाने में व्यस्त रहते हैं, लेकिन जब देश के युवाओं और पेशेवरों के भविष्य पर चोट होती है तो वे चुप्पी साध लेते हैं।
बड़ी तस्वीर
राहुल गांधी के इस बयान ने न सिर्फ़ मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि भारत की आईटी इंडस्ट्री और युवाओं के हित कितनी असुरक्षित स्थिति में हैं। अब सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार अमेरिकी दबाव के आगे झुकी रहेगी या कोई ठोस जवाबी कदम उठाएगी।
👉 यह खबर कांग्रेस बनाम भाजपा की सियासत से कहीं आगे जाकर उन लाखों भारतीय युवाओं से जुड़ी है, जिनका भविष्य अमेरिकी नीतियों और भारतीय चुप्पी के बीच फँसता दिख रहा है।
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