नई दिल्ली. प्रधानमंत्री और देश की सुरक्षा पर फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पिछले 3 वर्षों से एक जालसाज प्रधानमंत्री कार्यालय में अधिकारी बनकर जेड सिक्योरिटी सहित तमाम सुविधाओं पर अय्याशी करता रहा। जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्यों में दौरे करता रहा गोपनीय फाइलों का मुआयना करता रहा यहां तक कि एलओसी पर जाकर वहां बॉर्डर सिक्योरिटी जैसे बेहद संवेदनशील मुद्दों की समीक्षा करता रहा और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा देश की खुफिया एजेंसी को भनक तक नहीं लगी।
मिली जानकारी के मुताबिक किरण पटेल जो गुजरात का रहने वाला है उसकी प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कई तस्वीरें हैं और इन्हीं तस्वीरों के बूते उसने स्वयं को प्रधानमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताकर कई राज्यों के दौरे की जहां उसे जेड सिक्योरिटी समेत तमाम वीवीआइपी सुविधाएं हासिल हुई। हद तो तब हो गई जब उसने 2021 से अब तक 3 बार कश्मीर का दौरा किया। जहां सरकार वीवीआइपी के रूप में प्रोटोकॉल का पालन किया।
इस बार जब उसने राज्य का दौरा किया तो दो वीवीआइपीज जैमर गाड़ियों की मांग की जिसके बाद इस अधिकारी के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी मांगी गई जहां पता चला कि इस नाम का कोई अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात ही नहीं है। यह जानकर राज्य प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
खुफिया एजेंसी अब इस बात की जांच कर रही है कि आखिर किरण पटेल बार-बार कश्मीर के दौरे कर रहा था और उसका उद्देश्य क्या था। यह भी पता लगाने की कोशिश हो रही है कि कहीं वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई एस आई का एजेंट तो नहीं था।
फिलहाल यह मामला रिसर्च एंड एनालिसिस विंग एनआईए और सीबीआई जैसी खुफिया एजेंसी के लिए बड़ी शर्मिंदगी का विषय है जो यह पता लगाने में नाकाम रही हैं कि कोई भी जालसाज राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रधानमंत्री कार्यालय का वरिष्ठ अधिकारी बनकर मनमानी करने में सफल रहा।
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