गोरखपुर। बस्ती जनपद में हजारों करोड़ रुपए का अवैध शराब कारोबार चल रहा है। यहां बड़े पैमाने पर नकली शराब बनाई और बेची जा रही है। कहां जा रहा है कि आबकारी महकमे के जॉइंट कमिश्नर एके राय और जिला आबकारी अधिकारी नवीन सिंह इस अवैध कारोबार के मास्टरमाइंड है। पुलिस महकमे द्वारा शराब के अवैध कारोबारियों पर कार्रवाई होती है उनकी भट्टियां और लहन नष्ट किए जाते हैं और फिर कुछ दिनों में ही यह कारोबार शुरू हो जाता है। यहां बनी शराब बिहार के कई जनपदों में आसानी से पहुंच जाती है। करोड़ों की कमाई होती है और कहा जाता है कि इसका बड़ा हिस्सा ज्वाइंड ए के राय और जिला आबकारी अधिकारी नवीन सिंह को मिलता है। यह दोनों अधिकारी शासन के शीर्ष अधिकारियों के काफी करीबी बताए जाते हैं।
यह भी चर्चा है कि जो भी अवैध शराब बरामद होती है थाने के माल खाने फिर अक्सर गायब हो जाती है और इसमें भी जिला आबकारी अधिकारी और जॉइंट का अहम रोल होता है।
बस्ती के दूरदराज इलाकों में या नदी के टापू के बीच में सुनियोजित तरीके से अवैध शराब की भठ्ठी धधक रही है। अवैध शराब कारोबारी जिला आबकारी अधिकारी के करीबी बताए जाते हैं। यही वजह है कि इन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
बस्ती जनपद का माझा क्षेत्र अवैध दारू का गण बना हुआ है।
बाढ़ का पानी उतरने के बाद कई जगह रेत के टापू से बन जाते हैं और यही समय शराब कारोबारियों के लिए सबसे मुफीद होता है, क्योंकि उन्हें पता है कि जब तक विभाग की छापेमारी होगी तब तक वे वहां से बड़ी आसानी से निकल जाएंगे. ऐसा ही एक नजारा बस्ती जिले के माझा क्षेत्र में देखने को मिलता है जहां अयोध्या और बस्ती की आबकारी की टीम दिखावे के लिए नाव पर सवार होकर छावनी थाना क्षेत्र के माझा इलाके में छापा मारने जाती तो है लहंगा और भट्टियां भी नष्ट करती है लेकिन यह सब प्रतीकात्मक होता है ।
बिहार जाती हैं यहां बनी हुई अवैध शराब
बिहार में शराबबंदी का फायदा उठाते हुए बस्ती के शराब माफिया विभाग की मिलीभगत से प्रतिदिन लाखों रुपए की शराब आसानी से बिहार पहुंचा देते हैं जिसका मोटा हिस्सा जॉइंट और जिला आबकारी अधिकारी को मिलता है यही कारण है कि जनपद में शराब की ओवर रेटिंग नकली शराब की बिक्री उत्पादन कुटीर उद्योग का स्थान लेता जा रहा है
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