लखनऊ। आबकारी मुख्यालय में तकनीकी अधिकारी के पद पर रहते हुए सभाजीत वर्मा ने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपए की उगाही की और कई जिलों में काले धन से अकूत साम्राज्य खड़ा किया। लखनऊ के सेक्टर 16 इंदिरा नगर में रहने वाले बृजेश वर्मा ने सभाजीत की संपत्तियों का सिलसिलेवार विवरण देते हुए आबकारी महकमे के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को शिकायती पत्र भेजा है जिस पर फिलहाल अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
सभा जीत वर्मा पर भ्रष्टाचार के लगे हैं गंभीर आरोप:
सभाजीत वर्मा पर आरोप है कि वह तकनीकी अधिकारी प्राविधिक के पद पर कार्यरत रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करके तथा शराब कंपनियों से सांठगांठ करके कई करोड़ रुपए की उगाही की है। अपनी सहायता के लिए सभाजीत वर्मा ने बाबू से इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन पाने वाले राजकुमार नाम के एक व्यक्ति को शागिर्द बना रखा है कहा जा रहा है कि इस राजकुमार की एनओसी के बिना कोई भी फाइल आगे नहीं बढ़ पाती है। फाइल पर करोड़ों रुपए की डील होती है उसके बाद ही सभा जीत बर्मा के हस्ताक्षर होते हैं। यह अपने आप में बड़ी बात है की फील्ड में तैनाती के बावजूद राजकुमार सभा जीत वर्मा से संबंधित फाइलों को डील करता है जब की फाइलें तकनीकी होती है और इसका कोई ज्ञान भी राजकुमार को नहीं है। कहां जा रहा है कि वास्तव में राजकुमार सभा जीत बर्मा के लिए वसूली का काम करता है।
ब्लैकमेल कर नोएडा की एक इंडस्ट्रियल कंपनी में अपने बेटे को करोड़ों के पैकेज पर नौकरी दिलवाई
सभाजीत वर्मा पर यह भी आरोप लगा है कि अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नोएडा गाजियाबाद में स्थित त्रिवेणी इंडस्ट्री में करोड़ों रुपए के पैकेज पर नौकरी दिलवाई। बदले में कंपनी को भी नियम ताक पर रखकर विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाया और चाहती कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाया।
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