लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कर्ज खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है और अब इसको लेकर आरबीआई ने भी चिंता जाहिर की है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य का कर्ज 7.84 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है, ऐसी आशंका जताई गई है. इसका मतलब यूपी का कर्ज बढ़कर 7 लाख 84 हजार करोड़ रुपये हो सकता है. बता दें कि इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) चेतावनी दे चुका है कि राज्यों पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है.
दिलचस्प बात यह है कि 7.84 ट्रिलियन रुपये का अनुमानित कर्ज उत्तर प्रदेश के 6.90 ट्रिलियन रुपये के बजट से 94,000 करोड़ रुपये या लगभग 14 प्रतिशत अधिक है. यानी राज्य के बजट से ज्यादा सरकार पर कर्ज है.
आरबीआई राज्यों पर बढ़ते कर्ज के दबाव को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है, इसमें आरबीआई ने बताया था कि देश पांच राज्य जो सबसे ज्यादा कर्ज में डूबे हैं उनमें पंजाब, राजस्थान, बिहार, केरल और पश्चिम बंगाल शामिल है.
इस बीच, यूपी को 2022-23 के दौरान 51,860 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 2.5 प्रतिशत) की तुलना में 2023-24 के दौरान केंद्र से लगभग 71,200 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 2.9 प्रतिशत) कर्ज मिलने का अनुमान है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, यूपी के 6.90 लाख करोड़ रुपये के बजट का उद्देश्य 2027 तक यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की नींव रखना था.
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