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नीच शब्द यदि बुरा नहीं है तो प्रधानमंत्री मोदी ने इसे चुनावी मुद्दा क्यों बनाया था: स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ। जाति व्यवस्था को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का संघ और बीजेपी पर हमला जारी है। एक समाचार चैनल के साथ इंटरव्यू में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर शूद्र या नीच शब्द बुरा नहीं है तो प्रधानमंत्री मोदी को नीच कहे जाने पर उन्होंने सार्वजनिक मंचों से इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए क्यों कहा कि मैं पिछड़ी और नीच जाति में पैदा हुआ हूं इसमें मेरा क्या कसूर है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस पीड़ा को शूद्र वर्ग ने समझा और उनका साथ दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि चार बार गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए और प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्हें नीच कहने पर बुरा लगा तो सोचिए कि जो सदियों से नीच कह कर प्रताड़ित किए जाते रहे हैं उन पर क्या बीत रही होगी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि समस्त स्त्री जाति दलितों और पिछड़ों को अपमानित करने वाली कोई भी टिप्पणी और चौपाई को तुरंत हटा देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि संघ प्रमुख ने अगर यह स्वीकार कर लिया है कि जाति व्यवस्था भगवान की बनाई हुई नहीं है और यह ब्राह्मणों ने बनाई है तो तुरंत इस बुराई को दूर करने के लिए धर्म ग्रंथ में कही गई अपमानजनक बातों को संशोधित करने या विलोपित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं ताकि दलित पिछड़े और आदिवासियों को धर्म ग्रंथ के आधार पर उत्पीड़न का शिकार ना होना पड़े।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर अखिलेश यादव को निम्न वर्ग या शूद्र वर्ग का ना समझा जाता तो उनके द्वारा खाली किए गए कालिदास मार्ग आवास को गंगाजल से ना धुलाया जाता।

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