नई दिल्ली। यूं तो प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के कार्रवाई को लोग पहले से ही संदेह की दृष्टि से देख रहे थे लेकिन जिस तरह से सिटिंग चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया और गिरफ्तारी के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिया उससे अब आम आदमी को भी सरकार और भारतीय जनता पार्टी से डर लगने लगा। केजरीवाल को अक्सर बिजली पानी और सड़क जैसे मुद्दे पर बोलने और काम करते देखा गया है। दिल्ली में साइकिलों की संख्या में ऐसे प्राइमरी स्कूल बने हैं जो इंटरनेशनल स्कूलों को भी टक्कर देते हैं। इन स्कूलों में आमतौर पर झुग्गी झोपड़ी और स्लम एरिया के ही ज्यादातर बच्चे पढ़ते हैं। स्कूलों में इंटरनेशनल स्कूल का स्टैंडर्ड देखने को मिलता है। बच्चे महंगे स्कूली फॉर्म में दिखाई देते हैं। सभी कक्षाएं वातानुकूलित होती हैं। कैंटीन के भजन में पर्याप्त कैलोरी और प्रोटीन का ध्यान रखा जाता है। इंग्लिश स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से काफी स्वस्थ होते हैं और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मुकाबले ज्यादा प्रतिस्पर्धी होते हैं। बिजली के मामले में अरविंद केजरीवाल की पहचान दुनिया भर में है गरीबों के लिए 200 यूनिट बिजली और 20000 लीटर पानी फ्री देकर उन्होंने नारकीय जीवन में गुजर बसर कर रहे हैं लोगों को न केवल राहत दी बल्कि उन्हें भी सम्मान के साथ जीने का अवसर दिया। गरीब महिलाओं को पूरे दिल्ली में मुफ्त में बस यात्रा का उपहार देकर केजरीवाल ने पूरे देश की महिलाओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। जो ओवर ब्रिज भाजपा की सरकार में 1600 करोड रुपए में बना वैसा ही ओवर ब्रिज अरविंद केजरीवाल ने 700 करोड़ में बना दिया।
अपने ऐसे ही कामों से अरविंद केजरीवाल लोगों के दिलों में बसे हुए हैं उनकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किल बहुत ज्यादा बढ़ गई है। दरअसल लोग अब भाजपा से डरने लगे हैं उन्हें लगता है कि जो भी व्यक्ति गरीबों के लिए काम करेगा उसे यह सरकार जेल में डाल देगी। यह संदेश न केवल दिल्ली के घर-घर में बल्कि हरियाणा उत्तर प्रदेश और गुजरात मध्य प्रदेश में भी पहुंच रहा है।
लोगों का मानना है कि यदि भाजपा से जनता डर गई तो नतीजा बहुत ही अप्रत्याशित आ सकते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इसी तरह का माहौल 1977 में था जब जनता इंदिरा गांधी से डर गई थी और उनकी सरकार कोउखाड़ फेंका था
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