अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

होत ना आज्ञा बिनु पैसा रे:

प्रसेन राय ने बनाया प्रमुख सचिव का मजाक:

शासन में अटकी  कई इंस्पेक्टर की एसीपी:

प्रयागराज। आबकारी मुख्यालय में कार्मिक में तैनात इंस्पेक्टर प्रसेन रॉय की गुंडागर्दी जारी है। प्रमुख सचिव के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कई आबकारी निरीक्षकों की एसीपी  नहीं लगी और अब जब काफी जद्दोजहद के बाद शासन में पहुंची तो वहां भी अटक गई। जिसकी वजह से कई लोगों का आर्थिक नुकसान हुआ है और कई लोगों को अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मिली जानकारी के  मुताबिक   आबकारी निरीक्षक प्रसेन रॉय  10 वर्षों से एक ही पटल पर तैनात है और निरीक्षकों की एसीपी  को लेकर ब्लैकमेल करता रहा है इसकी शिकायत आबकारी आयुक्त को भी की गई लेकिन आबकारी आयुक्त की भी इसके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं पड़ी क्योंकि यह शासन में बैठे दिव्य प्रकाश गिरी का खास आदमी है। इस निरीक्षक के बारे में कहा जाता है कि बिना पैसा लिए कोई काम नहीं करता है। एसीपी  एंट्री करने के लिए चर्चा तो यहां तक है कि कुछ निरीक्षकों से लाखों में भी वसूली हुई है।  एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद जब किसी तरह एसीपी अनुमोदन के लिए पत्रावली शासन में पहुंची तो वहां अटक गई। कहा जा रहा है की वसूली का दूसरा राउंड शुरू हो सकता है। तमाम शिकायतों के बावजूद आबकारी आयुक्त अभी तक इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया इसके बाद यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या वसूली शीर्ष अधिकारियों के संज्ञान में हो रहा है।

इंस्पेक्टर की डीपीसी क्यों अटकी:

बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर की सहायक आबकारी आयुक्त पद पर प्रोन्नति का रिजल्ट अभी तक जारी नहीं हुआ है। आम चर्चा है कि शासन में बैठे हुए विशेष सचिव दिव्य प्रकाश गिरी के दबाव में यह परिणाम रोका गया है। कुछ अपुष्ट खबरों के अनुसार 32 निरीक्षकों को पदोन्नति कर दिया गया है लेकिन उनका परिणाम क्यों रोका गया है यह समझ से परे है। विभाग में आम चर्चा है कि पर्सनल में तैनात आबकारी निरीक्षक प्रसेन रॉय ने जमकर वसूली की और अब भी वसूली जारी है। कहा जा रहा है की दिव्य प्रकाश गिरी के ग्रीन सिग्नल के बगैर इंस्पेक्टर से सहायक आबकारी आयुक्त के पोस्ट पर हुई पदोन्नति की सूची जारी नहीं होगी।

About Author