बिना धरोहर राशि होता रहा दुकानों का नवीनीकरण:

लखनऊ। बरेली मंडल के शाहजहांपुर जनपद में 16 फुटकर लाइसेंसी दुकान बिना किसी धरोहर राशि के संचालित की गई इतना ही नहीं नवीनीकरण भी कर दिया गया। अब जांच में यह सामने आ रहा है कि यह सब लाइसेंसी और तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी और वर्तमान में डिप्टी एक्साइज कमिश्नर वाराणसी तथा अवैध रूप से जॉइंट डायरेक्टर स्टैटिक का पद संभाल रहे प्रदीप दुबे की पुरी की पूरी संलिप्तता रही है। डिप्टी एक्साइज कमिश्नर बरेली एसपी सिंह की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि आरोपी लाइसेंसी ने बैंक में धरोहर राशि के रूप में रखी एफडीआर 2023 में ही भुना ली बावजूद इसके 2024 में नवीनीकरण कर दिया गया। इससे पता चलता है कि प्रदीप दुबे की ओर से लापरवाही नहीं बरती गई है बल्कि लाइसेंसी से मिली भगत करके एफडीआर की रकम की बंदर बांट हुई है। इसी तरह के प्रकरण में पूर्व में कई जिला आबकारी अधिकारियों को आरोप पत्र देकर निलंबित किया गया लेकिन प्रदीप दुबे के मामले में आबकारी विभाग में खामोशी है। पूरा प्रकरण करीब डेढ करोड रुपए के एफडीआई का बताया जा रहा है कहां जा रहा है कि लाइसेंसी के साथ मिली भगत करके सिक्योरिटी मनी की रकम की बंदर बांट हुई है। चर्चा है कि प्रदीप दुबे को भी मोटी रकम दी गई है। आरोप की जांच होनी चाहिए। स्पष्ट है कि प्रदीप दुबे की लापरवाही के चलते ही धरोहर राशि निकाल ली गई और नियम के विपरीत दुकानों का संचालन किया गया।
डिप्टी बरेली की जांच आख्या का कुछ अंश इस प्रकार हैं:


बता दे कि यह जांच विधायक तिलहर वीर विक्रम सिंह की शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश एवं आबकारी आयुक्त के निर्देश पर की गई।
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