200KL की डिस्टलरी कि नियमों को तक पर रखकर बढ़ाई गई उत्पादन क्षमता:

लखनऊ। कानपुर की आरती डिस्टलरी में आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिला बजट से एक बड़ा खेल हो रहा है। डिस्टलरी की उत्पादन क्षमता को एक ऐसे अधिकारी की रिपोर्ट पर 30% तक उत्पादन क्षमता बढ़ा दी गई जो किं नॉन टेक्निकल है और प्राविधिक अधिकारी के रूप में जिसकी नियुक्ति भी सवालों के घेरे में है। कहां जा रहा है कि यह सब कमिश्नर के आदेश से हुआ है और कमिश्नर को इसके बदले मोटी रकम मिली है। यह चर्चा है इसकी पुष्टि तभी होगी जब पूरे मामले की जांच हो।
डिस्टलरी के निरीक्षण में भी खेल:
अवध भूमि को जानकारी मिली है कि आरती डिस्टलरी और आबकारी अधिकारी की मिली भगत से आबकारी राजस्व को कई करोड़ रुपए का चूना लगाया जा रहा है। यह चर्चा है कि डिस्टलरी के गोदाम में जितने अनाज की आपूर्ति हुई है उसके सापेक्ष करीब 40% कम ईएनए तैयार हुआ है। पंजाबी चर्चा है कि आबकारी विभाग की ओर से आरती डिक्शनरी के अनाज गोदाम का कभी भी निरीक्षण नहीं हुआ और हुआ है तो उसमें खेल हुआ है । यह काम आरती डिक्शनरी पर तैनात सहायक आबकारी आयुक्त का है लेकिन बताया जाता है कि कल जितना ग्रेन ईएनए तैयार किया जाता है प्रति लीटर 18 पैसे के दर से सहायक आबकारी आयुक्त को दिया जाता है इस तरह से प्रतिमा करीब 20 से 30 लाख रुपया सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा उगाही किए जाने की चर्चा है बदले में सहायक आबकारी आयुक्त गोदाम का निरीक्षण नहीं करते हैं और ना ही डिस्टलरी का ठीक से मुआयना करते हैं। कहां जाता है कि यहां डिप्टी और जॉइंट का भी खाता है और समय से भुगतान किया जाता है। काफी दिनों से यह चर्चा रही है की आरती डिस्टलरी में आबकारी विभाग के कई अधिकारियों का भी पैसा लगाया गया है जिसकी वजह से इस डिक्शनरी में अनियमितता और अराजकता चरम पर है लेकिन हैरानी की बात है कि कमिश्नर भी इसी आरती डिस्टलरी पर फिदा है उनका क्या इंटरेस्ट है यह समझ पाना मुश्किल है।
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