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डीपीआरओ ऑफिस में अरबो रुपए की हेरा फेरी

प्रतापगढ़। स्वच्छ भारत मिशन के प्रशासनिक मद में अरबो रूपये की  हेरा फेरी की  आशंका है। बताया जा रहा है कि 2017 से 2025 तक इस मद में  खर्च आपकी गई धनराशि से संबंधित अभिलेख का ऑडिट ही नही कराया गया है। बता दें कि कम से कम 350 करोड रुपए प्रशासनिक मद में व्यय किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन फंड में  बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण उसका जो खाता खोला गया उसका कभी ऑडिट कराया जा रहा है क्योंकि इस फंड का व्यापक दुरूपयोग हुआ है। वर्तमान जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत दर्वे ने अपने एक करीबी के खाते में प्रशासनिक मद के अंतर्गत करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए हैं। इस फंड का इस्तेमाल जन जागरूकता हेतु गोष्टी आयोजित करना वॉल राइटिंग करना प्रशिक्षण आदि का कार्यक्रम होता है लेकिन फिलहाल यह सारा का सारा कार्यक्रम कागज पर हो रहा है और यह फंड डीपीआरओ श्रीकांत दर्वे एटीएम की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। डीपीआरओ ऑफिस के एक वरिष्ठ सहायक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यदि इस फंड की ऑडिट कर ली जाए तो अरबो रुपए का घोटाला सामने आ सकता है। प्रशासनिक फंड के दुरुपयोग के मामले में अकाउंटेंट रहे मोहम्मद इकराम को सस्पेंड किया गया था लेकिन बाद में विभाग के अधिकारियों ने अपनी पोल खोलने से रोकने के लिए उसे बहाल करवा दिया।

पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी रवि शंकर द्विवेदी ने स्वच्छ भारत मिशन के प्रशासनिक फंड कि इस प्रकार लूटपाट की कि उन्होंने दिल्ली की एक फर्म में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किये कथा चिलबिला में अपने पिता के नाम करोड़ों रुपए की जमीन भी खरीदी कहां जा रहा है कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रशासनिक फंड के लूट से ही यह संपत्ति खरीदी गई जबकि पूर्व मुख्य विकास अधिकारी राजकमल यादव ने भी इस फंड का व्यापक दुरुपयोग किया और अपने करीबी लोगों के खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए।

जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के एक भरोसेमंद सूत्र ने बताया है कि सॉलिड लिक्विड एंड वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत जितनी धनराशि जारी हुई उतनी ही धनराशि प्रशासनिक फंड में भी जारी हुई। मतलब अब तक शौचालय निर्माण और सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत करीब 400 करोड रुपए जनपद को प्राप्त हुए और लगभग इतनी ही धनु राशि प्रशासनिक फंड में भी जारी की गई। प्रशासनिक फंड में जारी की गई धनराशि को कभी भी ऑडिट ही नहीं कराया गया जिस सवाल खड़े हो रहे हैं और यह अनियमितता आज तक जारी है।

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