अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

मोदी सरकार ने बढ़ाया अल्पसंख्यकों का बजट:

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी सभा में कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगा रहे हो लेकिन केंद्र सरकार के आकड़े ही प्रधानमंत्री मोदी के बयानों को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024 25 के लिए सबसे बड़ा बजट मोदी सरकार द्वारा ही अल्पसंख्यकों के लिए पेश किया गया है।

सरकार ने अंतरिम बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए बजट आवंटन बढ़ा दिया है। 2023-24 के संशोधित अनुमान के मुकाबले इसमें 574 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि की गई है। वर्ष 2024-25 में अल्पसंख्यक कार्यमंत्रालय के लिए 3,183.24 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रविधान किया गया है

-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना:

  • यह सभी राज्यों में छात्रों के लिये एक केंद्र पोषित छात्रवृत्ति योजना है, यह प्रत्येक वर्ष प्रदान की जाती है।
  • इसका उद्देश्य कक्षा 1 से 10 तक की कक्षा में पढ़ने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

अल्पसंख्यक समुदाय को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जाती हैं. इसी में से एक छात्रवृत्ति योजनाएं है. यह योजना उन विद्यार्थियों के लिए है जो आर्थिक संकट के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहें और अपने सपनों को पूरा करने में असमर्थ हैं. 

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित छात्रों के शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए तीन छात्रवृत्ति योजना चला रहे हैं. 

यह केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है. जिसके तहत पिछली परीक्षा में 50 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले और माता-पिता की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक नहीं होने वाले छात्र को स्कॉलरशिप दी जाती है. इस योजना के तहत 30 फीसदी छात्रवृत्ति छात्राओं के लिए निर्धारित है. साल 2014-15 से 2021-22 के दौरान कुल 4,43,50,785 स्कॉलरशिप (52.24 फीसदी महिलाओं सहित) को मंजूरी दी गई है. 

यह केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है. जिसके तहत पिछली परीक्षा में 50 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने वाले और माता-पिता की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक नहीं होने वाले छात्र को स्कॉलरशिप दी जाती है. इस योजना के तहत 30 फीसदी छात्रवृत्ति छात्राओं के लिए निर्धारित है. साल 2014-15 से 2021-22 के दौरान कुल 4,43,50,785 स्कॉलरशिप (52.24 फीसदी महिलाओं सहित) को मंजूरी दी गई है. 

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अनुसार साल 2014 से हमारे देश में पारसी, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले लगभग 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई. सरकार का कहना है कि ऐसा करने से खासकर मुस्लिम लड़कियों के स्कूल छोड़ने की संख्या कम हुई है. 2014 से पहले मुस्लिम लड़कियों में स्कूल छोड़ने की संख्या 70 प्रतिशत थी जो अब घटकर 30 प्रतिशत से भी कम हो गई है. 

इस योजना को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने सितंबर, 2013 में शुरू किया था. देश में अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को अलग अलग तरह के लाभ मुहैया करवाए जाते हैं ताकि उस समुदाय का विकास हो पाए. अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा पारंपरिक कौशल के क्षेत्र में व्यवसाय किया जाता है जो हर बीतते साल के साथ कम होता जा रहा है. साथ ही नई पीढ़ी के युवा पारंपरिक कौशल को नहीं अपना रहे हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा सीखो और कमाओ योजना का शुभारंभ किया गया है. इसी योजना के तहत इस साल यानी 2022 में लगभग 8 लाख महिला को लाभ पहुंचा है.

About Author