सभी जिलों में 36 और 25 डिग्री की शीरे से बनी देसी शराब फुटकर दुकान पर उपलब्धता जरूरी
प्रमुख सचिव ने लिया अवध भूमि न्यूज़ की खबर का संज्ञान

लखनऊ। अनाज से बने अल्कोहल को बढ़ावा देने के नाम पर जिस तरह से एक कंपनी के लिए आबकारी नीति की धज्जियां उड़ाई जा रही थी उसको शासन में संज्ञान में ले लिया है। आबकारी नीति में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि फुटकर लाइसेंस की दुकान पर मोलेशस से बनी कम तीव्रता वाली शराब नहीं मिली तो लाइसेंसी दुकानों पर कार्रवाई होगी। कहा जा रहा है कि शासन को ऐसी शिकायत लगातार मिल रही थी कि फुटकर दुकानों पर ग्राहकों की डिमांड के बावजूद शीरे से बनी 36 और 25 डिग्री वाली कम तीव्रता की शराब उपलब्ध नहीं है । जैसे ही शासन ने इसका संज्ञान लिया उन जिला आबकारी अधिकारियों के तोते उड़ गए जो एक कंपनी से डील करके यूपीएमएल की 42.8 डिग्री वाली शराब व्यक्तिगत रूप से धमका कर गोदाम पर दबाव बनाकर इंडेंट लगाने के लिए मजबूर कर रहे थे । अब जानकारी मिली है कि शासन के दबाव में गोंडा लखीमपुर खीरी लखनऊ और झांसी में आनन -फानन में जिला आबकारी अधिकारी काउंटर पर कम तीब्रता वाली शीरे से बनी शराब की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है।
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