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आबकारी मुख्यालय के कार्मिक में तैनात इंस्पेक्टर प्रसन्न राय की लूट के शिकार हुए मृतक आश्रित कोटे के 70 लिपिक : टाइपिंग टेस्ट में पास कराने के नाम पर किया था लाखों रुपए की वसूली: कुल 82 में 70 लिपिक अभ्यर्थी हुए टाइपिंग टेस्ट में फेल: प्रसेन राय नहीं लौटा रहा ली गई रिश्वत की रकम

प्रयागराज। आबकारी मुख्यालय लूट का अड्डा बन गया है। मुख्यालय में हर तरफ भ्रष्टाचार अराजकता और अनियमितता का बोलबाला है। बताया जा रहा है कि मृतक आश्रित कोटे में भर्ती हुए वर्तमान में लिपिक पद पर तैनात 82 अभ्यर्थियों को टाइपिंग टेस्ट में पास कराने के लिए कथित रूप से मुख्यालय के कार्मिक में तैनात प्रसेन राय ने प्रत्येक अभ्यर्थी से कथित रूप से कम से कम 50,000 से लेकर ₹70000 तक की वसूली की थी। इस तरह कुल 82 अभ्यर्थियों से लगभग 4000000 रुपए की वसूली हुई थी। वसूली की खबर एडिशनल सत्य प्रकाश को हुई तो उन्होंने सतर्कता बढ़ाते हुए स्वयं अपनी उपस्थिति में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में टाइपिंग टेस्ट कराया जिसमें बताया जा रहा है कि 82 में 70 अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण हो गए। रिजल्ट आते ही कोहराम मच गया। कोहराम इसलिए मच गया क्योंकि अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्हें पास करने के लिए मुख्यालय के कार्मिक विभाग में तैनात प्रसेन राय ने पास करने के नाम पर गठित रूप से मोटी रकम वसूल की थी लेकिन रिजल्ट में फेल होने के बाद अभ्यर्थियों द्वारा प्रसेन राय से कथित रूप से दी गई रिश्वत की रकम मांगे जाने की चर्चा है और कहां जा रहा है कि प्रसेन राय रिश्वत की रकम लौटाने में आनाकानी कर रहा है।

बाबू से चपरासी बन जाएंगे मृतक आश्रित कोटे के 70 अभ्यर्थी:

मृतक आश्रित कोटे में नियुक्त हुए 70 बाबुओं पर दोहरी मार पड़ी है एक तरफ जहां वह टाइपिंग टेस्ट में अनुत्तीर्ण होने के बाद चपरासी बन जाएंगे और उनका अब तक का सेवाकाल भी शून्य हो जाएगा वही उन्हें पास कराने के नाम पर जो उनसे वसूली हुई है वह धनराशि भी उन्हें वापस नहीं मिल रही है। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा व्याप्त है। लोगों का मानना है कि कमिश्नर का करीबी होने के नाते प्रसेन राय पर कोई भी कार्रवाई नहीं होगी।

लोगों की एसीपी के साथ छेड़छाड़ कर करता है धन उगाही

आरोपी राय पर यह भी आरोप है कि वह इंस्पेक्टर और अधिकारियों की एसीपी के साथ छेड़छाड़ करता है और समय से सर्विस बुक में एंट्री नहीं करता है ऐसे में जब भी डीपीसी होती है और प्रमोशन की नौबत आती है तो कथित रूप से प्रसेन राय मोटी धनराशि उगाही करता है यह उसका धंधा है लेकिन उसे पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है क्योंकि उसके ऊपर कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर की कृपा बताई जा रही है।

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