लखनऊ । महंगे गैस सिलेंडर के बाद यूपी में बिजली का बिल महंगा हो गया है।
लखनऊ: प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। 2023-24 के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को राज्य विद्युत नियामक आयोग ने स्वीकार कर लिया है। आयोग को दिए प्रस्ताव में पावर कारपोरेशन ने बिजली दरों में 18 से 23 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की है। अब प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद आयोग उपभोक्ताओं से आपत्तियां मांगेगा। फिर अप्रैल 2023 से नई बिजली दरों पर सुनवाई होगी। एक तरफ चर्चा है कि बिजली कंपनियां 12 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर सकती है। फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से करीब 387 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इसके विरोध में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आयोग में लोक महत्व याचिका डाली है।
सभी प्रक्रियाओं के बाद आयोग निर्णय लेगा कि बिजली दर में बढ़ोतरी होगी या नहीं। वहीं, उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध करते हुए दरों में बढ़ोतरी के बजाय कमी की मांग उठाई है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं का कंपनियों पर करीब 25,133 करोड़ रुपया सरप्लस निकल रहा है। ऐसे में दरों में कमी की जानी चाहिए। फ्यूल सरचार्ज में उपभोक्ताओं का 1 हजार करोड़ रुपये सरप्लस है। ऐसे में उपभोक्ताओं को 30 से 31 पैसे प्रति यूनिट कमी की जानी चाहिए।
पहले दिया था प्रस्ताव अब तक निर्णय नहीं
वहीं पावर कॉरपोरेशन ने पिछले दिनों बिजली दरों में करीब 23 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया था। अब चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए सरचार्ज हेड में 12 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव दिया है। बताया जा रहा है कि ये प्रस्ताव आयोग में पहले ही सौंप दिया था, लेकिन तब से कोई निर्णय नहीं हुआ।
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