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पुलवामा हमले के लिए प्रधानमंत्री मोदी और अजीत डोभाल जिम्मेदार: रिटायर्ड जनरल शंकर राय चौधरी

नई दिल्ली। रिटायर्ड जनरल शंकर राय चौधरी ने द टेलीग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री और अजीत डोभाल को जवाब देना चाहिए।

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सनसनीखेज खुलासे के बाद जनरल संकर्राज चौधरी ने टेलीग्राम के साथ बातचीत में इस मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखी।भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉयचौधरी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवानों की मौत की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार पर है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा सलाह दी जाती है.द टेलीग्राफ से बात करते हुए थल सेनाध्यक्ष रॉयचौधरी, द वायर के साथ एक साक्षात्कार में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खुलासे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.

मलिक ने कहा था कि 2019 का पुलवामा हमला, जिसमें विस्फोटकों से लदी एक कार के सीआरपीएफ के काफिले में घुस जाने के बाद 40 जवान शहीद हो गए थे, सरकार की अक्षमता और लापरवाही का परिणाम था.जनरल रॉयचौधरी ने द टेलीग्राफ से कहा, ‘पुलवामा में जानमाल के नुकसान की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार पर है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) द्वारा सलाह दी जाती है. यह एक धक्का था.’

केंद्र‘मैंने जब प्रधानमंत्री से कहा कि पुलवामा हमला हमारी गलती से हुआ, तो वो बोले कि तुम अभी चुप रहो’ओडिशा: हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा के बाद संबलपुर में कर्फ्यू और इंटरनेट बंदबिहार के मोतीहारी में ज़हरीली शराब से मरने वालों की संख्या 22 हुईअतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्या की स्वतंत्र समिति से जांच के लिए सुउन्होंने कहा कि हमले के पीछे खुफिया विफलता के लिए एनएसए अजीत डोभाल को भी ‘उनके हिस्से का दोष मिलना चाहिए.’जनरल रॉयचौधरी ने अखबार को बताया कि 2,500 से अधिक कर्मचारियों को ले जा रहे 78 वाहनों के काफिले को ऐसे राजमार्ग से नहीं जाना चाहिए था, जो पाकिस्तान सीमा के इतने करीब हो.मलिक ने द वायर को बताया था कि सीआरपीएफ ने जम्मू से श्रीनगर तक सड़क मार्ग से यात्रा करने के बजाय विमान से यात्रा करने का अनुरोध किया था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय (तब राजनाथ सिंह के नेतृत्व में था) ने उन्हें विमान प्रदान नहीं किया

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