भोपाल। देश दुनिया में इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री का विवाद छाया हुआ है। इसका असर खुद प्रधानमंत्री के बॉडी लैंग्वेज पर पड़ा है। भोपाल में वंदे मातरम ट्रेन को हरी झंडी दिखाने आए प्रधानमंत्री ने इस मामले पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी देश-विदेश में बदनामी की जा रही है। कुछ लोगों ने सुपारी दे रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अपनी सार्वजनिक छवि को लेकर चिंतित नजर आए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश का प्रधानमंत्री शिक्षित होना चाहिए इसको लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान छेड़ रखा है। आम आदमी पार्टी की ओर से मोदी हटाओ देश बचाओ पोस्टर कैंपेन भी चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शैक्षिक डिग्री को अरविंद केजरीवाल ने मुद्दा बना दिया है। गुजरात हाई कोर्ट द्वारा उनकी याचिका निरस्त करने के बावजूद वह प्रतिदिन प्रधानमंत्री के शैक्षिक डिग्री को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि यदि प्रधानमंत्री पढ़े लिखे होते हैं तो अडानी और नीरव मोदी जैसे लोग उन्हें बेवकूफ नहीं बना सकते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिग्री विवाद की गूंज अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया में भी दिखाई दे रही है।
विवाद इतना तूल पकड़ चुका है कि खुद प्रधानमंत्री को इस मामले में अपनी पीड़ा व्यक्त करना पड़ा है। हालांकि उन्होंने डिग्री को लेकर कुछ नहीं कहा लेकिन अपनी बदनामी का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ते नजर आ रहे हैं और विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं। देखना है कि इसका कितना फायदा उन्हें आने वाले कर्नाटक चुनाव तथा भविष्य में होने वाले लोकसभा चुनाव में मिल पाएगा।
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