अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए यमलोक है कोटा:

कोटा। इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए कोटा यमलोक से कम नहीं है।  कोटा में कोचिंग इंस्टिट्यूट बच्चों का इस प्रकार से मानसिक शोषण करते हैं कि अंतत उन्हें अपनी जान देनी पड़ती है। मानसिक और शारीरिक शोषण के चलते अब तक सैकड़ो छात्र कोटा के विभिन्न कोचिंग इंस्टिट्यूट में अपनी जान दे चुके हैं।

कोटा में आत्महत्या करने वाली छात्रा कृति का सुसाइड नोट….

कृति ने अपने सुसाइड नोट में लिखी थी कि :-“मैं भारत सरकार और मानव संसाधन मंत्रालय से कहना चाहती हूंँ कि अगर वो चाहते हैं कि कोई बच्चा न मरे तो जितनी जल्दी हो सके इन कोचिंग संस्थानों को बंद करवा दें,

ये कोचिंग छात्रों को खोखला कर देते हैं।

पढ़ने का इतना दबाव होता है कि बच्चे बोझ तले दब जाते हैं।
कृति ने लिखा है कि वो कोटा में कई छात्रों को डिप्रेशन और स्ट्रेस से बाहर निकालकर सुसाईड करने से रोकने में सफल हुई लेकिन खुद को नहीं रोक सकी।

बहुत लोगों को विश्वास नहीं होगा कि मेरे जैसी लड़की जिसके 90+ मार्क्स हो वो सुसाइड भी कर सकती है,
लेकिन मैं आपलोगों को समझा नहीं सकती कि मेरे दिमाग और दिल में कितनी नफरत भरी है।

अपनी माँ के लिए उसने लिखा- “आपने मेरे बचपन और बच्चा होने का फायदा उठाया और मुझे विज्ञान पसंद करने के लिए मजबूर करती रहीं।
मैं भी विज्ञान पढ़ती रहीं ताकि आपको खुश रख सकूं।

मैं क्वांटम फिजिक्स और एस्ट्रोफिजिक्स जैसे विषयों को पसंद करने लगी और उसमें ही बीएससी करना चाहती थी लेकिन मैं आपको बता दूं कि मुझे आज भी अंग्रेजी साहित्य और इतिहास बहुत अच्छा लगता है क्योंकि ये मुझे मेरे अंधकार के वक्त में मुझे बाहर निकालते हैं।”

कृति अपनी मां को चेतावनी देती है कि- ‘इस तरह की चालाकी और मजबूर करनेवाली हरकत 11 वीं क्लास में पढ़नेवाली छोटी बहन से मत करना, वो जो बनना चाहती है और जो पढ़ना चाहती है उसे वो करने देना क्योंकि वो उस काम में सबसे अच्छा कर सकती है जिससे वो प्यार करती है।

About Author