लॉटरी पर खामोशी:

लखनऊ। आबकारी विभाग अपने ही बने हुए जल में फंस गया। बिना किसी होमवर्क के लॉटरी की तैयारी कर रहे आबकारी विभाग अब फिर से नवीनीकरण की तैयारी में जुट गया है। सूत्रों का कहना है कि विभाग की ओर से लॉटरी और नवीनीकरण दोनों पॉलिसी शासन को भेजी गई। लॉटरी को लेकर आबकारी विभाग के आंकड़ों से शासन संतुष्ट नहीं है। शासन के रुख को देखते हुए आबकारी विभाग ने ई टेंडरिंग की तैयारी रोक दी है। आबकारी विभाग के पास कोई विशेषज्ञ स्टेटिक ऑफिसर नहीं है इसलिए वह लॉटरी को लेकर कोई भी राजस्व आंकड़े जारी करने की स्थिति में नहीं था। इतना ही नहीं आबकारी पॉलिसी पर हस्ताक्षर करने के लिए स्टैटिक ऑफिसर की नियुक्ति आज तक नहीं की गई है। कुल मिलाकर आने वाली कैबिनेट की मीटिंग में नवीनीकरण पर मोहर लगा सकती है।
नहीं उठा जनवरी का सत प्रतिशत कोटा:
आबकारी विभाग इसलिए भी दहशत में है क्योंकि जनवरी का कोटा सत प्रतिशत नहीं उठा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लाइसेंसी दहशत में है। अनिश्चित की वजह से राजस्व की कमी की आशंका देखते हुए विभाग ने लॉटरी की ओर बढ़ रहे अपने कदम रोक दिया है। प्रमुख सचिव लाटरी से होने वाले राजस्व आंकड़े को लेकर आश्वस्त नहीं थी और लॉटरी की नीति विशेषज्ञ पैनल द्वारा तैयार नहीं की गई थी सचिन ने हस्ताक्षर ही नहीं किया। आप खबर है कि विभाग केवल नवीनीकरण की तैयारी कर रहा है।
संयुक्त आबकारी आयुक्त की समीक्षा बैठक संपन्न;
आबकारी नीति आने से पहले आज आबकारी आयुक्त ने मेरठ आगरा लखनऊ गोरखपुर जोन के संयुक्त आबकारी आयुक्त की बैठक ली। बैठक में आबकारी नीति पर लोगों के सुझाव मांगे गए तथा जोन वार विभागीय राजस्व की भी समीक्षा की गई

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