बहुत कम लोगों को मिलेगा बजट का लाभ:

नई दिल्ली। आम आदमी को इस बजट से भी घोर निराशा हाथ लगी है। सरकार ने मध्यम वर्ग को साधने की कोशिश की है लेकिन जानकारों के मुताबिक सरकार ने एक चतुर बनिया की तरह अपना वही खाता तैयार किया है। आर्थिक जानकार मानते हैं कि सरकार ने नौकरी पैसा और व्यवसाय करने वाले लोगों का डाटा सर्वे किया और और टैक्स स्लैब में ऐसे करदाताओं का चयन किया जिनकी संख्या सबसे कम थी। इस टैक्स स्लैब में 12 से 18 लख रुपए तक आय वालों की संख्या बहुत ही कम थी इसलिए उनको सरकार ने तकरीबन 80000 रुपया वार्षिक की राहत दी।
18 लाख से अधिक आय वालों की संख्या और भी काम है इसलिए उन्हें भी राहत प्रदान की गई।
सबसे कम संख्या 25 लख रुपए तक की आय वालों की थी और उन्हें भी 110000 रुपए तक की छूट मिली है।
90% आयकर दाताओं को कोई राहत नहीं:
सरकार की चतुराई का पता इसी बात से लगता है कि सरकार को पहले से ही यह जानकारी है कि कुल प्रत्यक्ष आयकर दाताओं में 80% से ज्यादा लोगों की आय ₹1200000 से कम है इसलिए इस आय वर्ग के स्लैब में कोई भी टैक्स रिबेट नहीं दिया गया जबकि 12 लाख से अधिक 18 लाख से अधिक और 25 लाख तक की आय वालों को जो कि आसानी से टैक्स चुका सकते हैं और महंगाई का भी सामना कर सकते हैं उन्हें आयकर में छूट दी गई है।
विवरण
0-4 लाख रुपये | शून्य
4-8 लाख रुपये | 5 प्रतिशत
8-12 लाख रुपये | 10 प्रतिशत
12-16 लाख रुपये | 15 प्रतिशत
16-20 लाख रुपये | 20 प्रतिशत
20-24 लाख रुपये | 25 प्रतिशत
24 लाख रुपये से अधिक | 30 प्रतिशत
₹ 12 लाख तक की सामान्य आय (पूंजीगत लाभ जैसे विशेष दर आय को छोड़कर) वाले करदाताओं को स्लैब दर में कमी के अलावा कर छूट प्रदान की जा रही है, ताकि उन्हें कोई कर देय न हो। विभिन्न आय स्तरों पर स्लैब दर परिवर्तन और छूट के कुल कर लाभ को उदाहरणों के साथ समझाया जा सकता है। नई व्यवस्था में ₹ 12 लाख की आय वाले करदाता को ₹ 80,000 का कर लाभ मिलेगा (जो मौजूदा दरों के अनुसार देय कर का 100% है)। ₹ 18 लाख की आय वाले व्यक्ति को ₹ 70,000 का कर लाभ मिलेगा (मौजूदा दरों के अनुसार देय कर का 30%)। ₹ 25 लाख की आय वाले व्यक्ति को ₹ 1,10,000

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