प्रतापगढ़। जनपद में लंबी पारी खेलने वाले सतपाल की आज विदाई है। ऐसे में उनके गुण और दोष की खूब चर्चा हो रही है। सबसे ज्यादा चर्चा पुलिस महकने में उनके उन भ्रष्ट वफादार थानेदारों की हो रही है जिन्होंने लूट का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सतपाल अंतिल की अपनी एक अदा थी। जिन थाना अध्यक्षों को उन्होंने महा भ्रष्ट और निकम्मा बताते हुए हटाया उन्हें ही कुछ ही दिनों में फिर से पोस्टिंग कर दिया लोग समझ नहीं पा रहे कि आखिर कुछ ही महीना में महा भ्रष्ट व्यक्ति के आचरण में कैसे सुधार हो गया इसके अलावा जो अन्य काबिल इंस्पेक्टर लाइन में बने हुए हैं लेकिन सतपाल अंतिल के साथ लाइन लेंथ नहीं बना पाए उनकी काबिलियत धारी की धरी रह गई।
जमीन पर कब्जा करवाने वाले गांजा शराब और अवैध असलहों की तस्करी करने वाले कई निरीक्षकों और उप निरीक्षकों को थाने का चार्ज जाते-जाते दे दिया।
इसी तरह सुभाष यादव नीरज यादव और कई थाना अध्यक्ष हैं जो गंभीर मामलों में हटाए गए लेकिन फिर उन्हीं को चार्ज मिला ज्यादातर थाना अध्यक्षों पर अवैध वसूली और अराजक गतिविधियों में लिप्त होने का ही आरोप था। लोग कहते हैं कि पुलिस कप्तान सतपाल ईमानदार रहे लेकिन अगर वह ईमानदार थे तो बेईमान इंस्पेक्टर की पोस्टिंग कैसे हो गई जिनके बारे में आम आदमी की धारणा बिल्कुल ठीक नहीं थी। फिलहाल आज उनकी विदाई है और उनके वफादार भ्रष्ट थाना अध्यक्षों के लिए अब अग्नि परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है।
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