लखनऊ। आय से अधिक संपत्ति में फंसे प्राविधिक अधिकारी सभाजीत वर्मा को बचाने के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी कमिश्नर सन्थियल पांडियन सी और एडिशनल कमिश्नर सत्य प्रकाश ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच आयकर विभाग करता है लेकिन सभी तरह के साक्ष्य और सबूत देने के बावजूद इस मामले की जांच आयकर विभाग को सौंपने के बजाय सेंथिल पांडियन सी और एडिशनल कमिश्नर सत्यप्रकाश में मनमाने ढंग से जांच की और सभी तरह के साथ छोड़ तथ्यों की अनदेखी करते हुए महा भ्रष्ट सभाजीत वर्मा को क्लीन चिट दे दी बताने की जरूरत नहीं है कि क्लीन चिट से पहले करोड़ों की डील हुई है।
सभाजीत वर्मा डिजिटल अल्कोहल मीटर की खरीद में करोड़ों रुपए के घपले में फंसे हुए हैं। इस खरीद में सेंथिल पांडियन सी प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी की भी गर्दन फंसी है। कहा जा रहा है कि सभाजीत वर्मा ने इन्हीं अधिकारियों के कहने पर नियम विरुद्ध डिजिटल अल्कोहल मीटर खरीद की पत्रावली तैयार कर अनुमोदित कराई थी। अब उसी एहसान को उतारने के लिए कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एडिशनल कमिश्नर पर दबाव बनाकर नियम विरुद्ध एक ऐसे मामले में क्लीन चिट दे दी है जिसकी जांच वह कर ही नहीं सकते।
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