चंडीगढ़। जननायक जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का जो गठबंधन टूटा है उसकी कुछ अलग ही कहानी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि गठबंधन टूटने की स्क्रिप्ट भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में ही बनाई गई थी। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने एक अंदरूनी सर्वे किया था जिसमें उसे 10 में 9 सिम हारने का अंदेशा था। सर्वे में यह सामने आया था कि 90% से अधिक जाट मतदाता हुड्डा को पसंद करते हैं और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट करेंगे। इस सर्वे ने भारतीय जनता पार्टी की नींद उड़ा दी इसके बाद जननायक जनता पार्टी को जाट वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए चुनाव भर के लिए गठबंधन से अलग करने का दोनों पक्षों की ओर से सहमति हो गई। भाजपा की ओर से दुष्यंत चौटाला को जाट वोट बैंक में कम से कम 30% वोट कटौती करने का टास्क दिया गया है। अंदर खाने तो यहां तक चर्चा है कि जननायक जनता पार्टी जिन उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने वाली है भारतीय जनता पार्टी उनके लिए सभी संसाधन जुटाएगी। दरअसल भारतीय जनता पार्टी की रणनीति पूरे हरियाणा में त्रिकोणीय संघर्ष बनाने की है। ऐसा होने पर उसे सीधा लाभ मिलेगा और ज्यादातर सीट वह आसानी से जीत जाएगी।
जेजेपी के नेताओं पर ईडी और सीबीआई रहेगी नरम:
अंदर खाने यह भी चर्चा हो गई है कि चुनाव के दौरान जननायक जनता पार्टी नेताओं पर सीबीआई कोई गंभीर कार्रवाई नहीं करेगी। भारतीय जनता पार्टी और जेजेपी ने आपस में मिलकर यह तय किया है कि लक्ष्य पूरा होने के बाद फिर से गठबंधन में शामिल हो जाएंगे।
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