हार जीत का अंतर 50000 से कम
प्रतापगढ़। मतगणना के लिए अब 24 घंटे से कम समय रह गए हैं ऐसे में लोग एग्जिट पोल पर नजर गड़ाए हुए हैं। प्रतापगढ़ सीट के लिए अवध भूमि न्यूज़ ने भी ग्राउंड जीरो से सर्वे किया है जिसमें बेहद ही नजदीकी मुकाबले की संभावना है। अवध भूमि न्यूज़ के सर्वे में लोकसभा 39 प्रतापगढ़ में विभिन्न विधानसभाओं में सपा और भाजपा जो की मुख्य मुकाबले में है उनका विवरण निम्नवत है
रामपुर खास
2019 के मुकाबले में यहां निवर्तमान सांसद संगम लाल गुप्ता को लगभग 36 हजार वोटो की बढ़त मिली थी तब यहां कांग्रेस से प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह थी और उन्हें लगभग 44000 मत मिले थे। अगर जातिगत वोटो का जिक्र करें तो 2019 में पटेल पासी मत पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी को मिले थे और माना जा रहा है कि रामपुर खास में 50000 से अधिक पटेल और लगभग 40000 के आसपास पासी मतदाता है। इस बार बदली स्थिति में। पटेल और पासी का अधिकांश मत सपा प्रत्याशी शिवपाल सिंह पटेल की ओर जाने का अनुमान है। प्रमोद तिवारी ने भी अपने चुनाव प्रचार में ज्यादा से ज्यादा समय रामपुर खास में ही दिया है ऐसे में अपेक्षा की जा रही है कि रामपुर खास विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को झटका लग सकता है न केवल उसकी बढ़त सिमटी नजर आ रही है बल्कि समाजवादी पार्टी को इस विधानसभा से लगभग 15 से 20000 वोटो के लीड की उम्मीद है।
विश्वनाथगंज विधानसभा:
39 लोकसभा सीट की सबसे बड़ी विश्वनाथगंज विधानसभा में सपा और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला हुआ है फिर भी इस विधानसभा में भाजपा का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है।
अगर इस विधानसभा में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो उस समय समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सौरभ सिंह को लगभग 45000 संजय पांडे को लगभग 23000 और एआइएमआइएम को लगभग 21000 मत मिले थे। यह सभी मत समाजवादी पार्टी के माने जा रहे थे । इन मतों को लोकसभा चुनाव में एक साथ देखें तो यह मत लगभग 79 हजार होते हैं जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में विधायक जीतलाल पटेल को 108000 मत मिले थे। जीत लाल पटेल को मिले मतों में लगभग 35000 मत पटेल और लगभग 18000 मत पासी मतदाताओं का माना जा रहा है। इस बार पटेल और पासी मतदाताओं में समाजवादी पार्टी ने भी तगड़ी सेंधमारी की है। कुल मिलाकर विश्वनाथगंज विधानसभा में 8 से 10000 की लीड भाजपा प्रत्याशी को मिल सकती है।
सदर विधानसभा
अगर बात सदर विधानसभा की करें तो 2022 में यहां से सपा के समर्थन से चुनाव लड़ रही कृष्णा पटेल को लगभग 55000 वोट मिले थे और लगभग 26000 वोटो से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र मौर्य को विजय मिली थी। जा रहा है कि सपा के मतों में कोई कमी नहीं आई है बल्कि सपा के वोट में लगभग 15% का इजाफा हुआ है इस तरह यहां पर संगम लाल गुप्ता का पलड़ा थोड़ा भारी है। माना जा रहा है कि सदर विधानसभा में 5 से 10000 वोट की लीड भाजपा ले सकती है।
विधानसभा रानीगंज:
रानीगंज विधानसभा में मुकाबला कांटे का है लेकिन यहां पर बढ़त समाजवादी पार्टी को दिख रही है। माना जा रहा है कि इस विधानसभा में पटेल मुस्लिम यादव और पासी बिरादरी के एक मुफ्त समर्थन से सपा काफी मजबूत है जबकि ब्राह्मण मतदाताओं में बिखराव है। छतरी और अन्य ओबीसी जातियों में भी समाजवादी पार्टी की उपस्थित दिखाई दे रही है दिखाई दे रही है। कुल मिलाकर करीब 10 से 15000 वोटो की बढ़त सफा यहां ले सकती है।
विधानसभा पट्टी
इस विधानसभा में समाजवादी पार्टी सबसे मजबूत दिखाई दे रही है। पटेल यादव और मुस्लिम मतदाताओं के सहारे ही समाजवादी पार्टी यहां काफी मजबूत है। पूर्व मंत्री मोती सिंह के समर्थक इस बार बूथ पर सक्रिय नजर नहीं आए और इस विधानसभा में सपा को इक तरफा बढ़त मिलती दिख रही है। अगर समाजवादी पार्टी यहां से 40000 फोटो से भी लीड ले ले तो हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए।
राजा भैया फैक्टर:
कौशांबी के साथ-साथ प्रतापगढ़ में भी राजा भैया फैक्टर का असर दिखाई दे रहा है। माना जा रहा है कि कम से कम 20000 मत राजा भैया फैक्टर से प्रभावित हुआ है। नजदीकी मुकाबले में यह वोट निर्णायक हो सकता है।
नोट:
यह चुनाव समीक्षा लोगों से बातचीत पर आधारित है ग्राउंड पर मौजूद राजनीतिक विश्लेषक और पत्रकारों से मिली जानकारी पर आधारित है। मतगणना के दौरान चुनाव परिणाम बादल भी सकते हैं ।
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