सोनभद्र में जमकर करवाई थी ओवर रेटिंग:
इंस्पेक्टर सिपाही और दीवान हुए थे दंडित:
संजय भुसरेड्डी, और पांडियन से सेटिंग के चलते बच निकले थे एसपी सिंह:
लखनऊ। डिप्टी बरेली एक बार फिर सुर्खियों में है। कुछ दिन पहले बरेली में ओवर रेटिंग का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसे डिप्टी कार्मिक में मामूली घटना बताया था। इस घटना के कुछ दिन बाद ही बरेली के फरीदपुर में पौड़ी गढ़वाल के श्री राम एग्रो वेंचर्स डिस्टलरी की 750 पेटी नेवी ब्लू प्रीमियम ब्लैडेट व्हिस्की बरामद हुई थी।
अब खबर यह आ रही है कि डिप्टी बरेली एसपी सिंह पहले से ओवर रेटिंग को बढ़ावा देते रहे हैं। सोनभद्र में डीईओ रहते उनके समय में जमकर ओवर रेटिंग हुई जिसकी गंभीर शिकायत पर मुख्यालय द्वारा जांच कराई गई। जांच में एसपी सिंह ने तत्कालीन प्रमुख सचिव संजय भूस रेड्डी और तत्कालीन कमिश्नर सेंथिल पांडियन से मिली भगत कर अपने को बचा लिया जबकि इंस्पेक्टर अनुपम राय, लल्लन प्रसाद प्रधान आबकारी सिपाही क्षेत्र दो सोनभद्र रजत कुमार आबकारी सिपाही क्षेत्र 2 सोनभद्र शिवकुमार तिवारी आबकारी सिपाही क्षेत्र 2 सोनभद्र को फंसा दिया गया जबकि मास्टरमाइंड रहे तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी एसपी सिंह जो वर्तमान में बरेली के डिप्टी हैं उन्हें बचा लिया गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस जिला आबकारी अधिकारी को ओवर रेटिंग में दंडित किया जाना था उसका प्रमोशन कैसे हो गया आज तक एसपी सिंह को पर्यवेक्षणिक दायित्व का निर्वाह न करने के लिए चार्ज सीट क्यों नहीं दिया गया। आबकारी विभाग स्वयं सवालों के घेरे में है।
ऐसे ही प्रकरण में सहायक आबकारी आयुक्त विजय प्रसाद को न केवल दंडित किया गया था बल्कि उनका वेतन भी राज्यसात कर लिया गया था। कई दर्जन सहायक आबकारी अधिकारी ऐसे मामलों में आज भी आरोपी बने हुए हैं और कई अधिकारियों का वेतन राज्यसात हो गया है।
एक ही तरह के अपराध के लिए अलग-अलग दंड विधान शासन और आबकारी विभाग को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहा है। देखना है इस प्रकरण में तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी सोनभद्र और वर्तमान डिप्टी एक्साइज कमिश्नर एसपी सिंह से कब जवाब तलब किया जाएगा।
https://youtu.be/pllyNANYpRc?si=2puubaGHITNZX9pu
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