गोंडा में अपनी मनपसंद ब्रांड की देसी शराब का सेवन नहीं कर पा रहे लोग:
कुछ कंपनियों से साठ गांठ कर तिजोरी भर रहे डीईओ लवानिया:
लखनऊ। गोंडा में मोलेशस से तैयार होने वाली कम तीव्रता की शराब जो ज्यादातर गरीब और कमजोर आय वाले सेवन करते हैं जिला आबकारी अधिकारी गोंडा प्रगल्भ लवानिया की मनमानी और अराजकता के चलते रिटेल की दुकानों पर न के बराबर उपलब्ध है। जबकि उत्तर प्रदेश के प्रमुख शराब व्यवसायी से सौदेबाजी करके किसी अन्य ब्रांड की शराब कान इंडेंट लगने नहीं दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश की एक प्रमुख शराब कंपनी जिसका देसी शराब पर दबदबा है उसके अनाज से बनने वाली 42.8 तीव्रता वाली शराब के हर पौवे पर ₹5 का तक अधिकारियों को डील दी जा रही है। इसी आकर्षक प्रस्ताव के चलते जिला आबकारी अधिकारी गोंडा कंपनी का सेल्स मैन बनकर काम कर रहे हैं। गोदाम पर किसी और ब्रांड की देसी शराब जो कि शीरे से बनती है उसका आर्डर नहीं लगने देर है और थोक विक्रेताओं को सीधी धमकी दे रहे हैं।
केवल star लाइट डिस्टलरी का ही बिक रहा है माल:
गोंडा में 80% से ज्यादा यूपीएमएल से बनी अधिकतम के तीव्रता वाली देसी शराब बेची जा रही है जबकि शीरे से बनने वाली 36 डिग्री वाली देसी शराब केवल स्टार लाइट डिस्टिलरी के ही प्रोडक्ट बिक रहे हैं। अनुमान के मुताबिक लगभग 8000 पेटी शीरे से बनने वाली देसी शराब इसी कंपनी का प्रतिदिन गोंडा में बिक रहा है। कंपनी मालिक ने जब तक जिला आबकारी अधिकारी को उचित चढ़ावा नहीं दिया तब तक उनको भी यहां अपना उत्पाद बेचने में दिक्कत हो रही थी। कहां जा रहा है कि star लाइट का जो भी मोलेशस से बनने वाली देसी शराब में यहां उत्पाद बिक रहा है उसमें एक हिस्सेदारी जिला आबकारी अधिकारी जी वसूलते हैं। फिलहाल आरोपों की सच्चाई तभी सामने आएगी जब गोदाम पर पिछले तीन महीने शीरे से बनी शराब का इंडेंड का रिकॉर्ड चेक किया जाए।
यूपीएमएल के अलावा कोई और शराब गोंडा में नही बिकेगी: लवानिया
इस बीच अवधभूमि न्यूज ने जब इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी प्रगल्भ लवानिया से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि उनके दबाव में ही शीरे से बनने वाली कम तीव्रता वाली 36 डिग्री की अन्य ब्रांड की देशी शराब नही बेची जा रही। जब उनसे स्टरलाइट डिस्टलरी की शराब और उसके गोदाम को छूट देने का सवाल पूंछा तो कोई संतोषजनक जवाब नही दे सके।
शराब पॉलिसी का कर रहे उल्लंघन:
वैसे अगर देखा जाए तो लवानिया अपनी इस मनमानी और अराजकता से शराब पॉलिसी का स्पष्ट उल्लंघन कर रहे हैं। शराब पॉलिसी में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि 42.8 तीव्रता वाली देसी शराब यूपीएमएल से ही निर्मित होगी बाकी मोलेशस से बनने वाली 36 डिग्री और 25 डिग्री की देसी शराब कि उपलब्धता फुटकर दुकानों पर पर्याप्त रहेगी। इस पॉलिसी का उल्लंघन करने के बावजूद विभाग कोई कारवाई नहीं कर रहा यहां अपने आप में हैरानी की बात है।
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