लखनऊ। यूं तो जैनेंद्र उपाध्याय जॉइंट आबकारी आयुक्त ईआईबी का काम प्रदेश में अवैध शराब का उत्पादन भंडारण और वितरण रोकना है लेकिन इन्हीं अवैध गतिविधियों से यदि आबकारी विभाग के अधिकारियों की तिजोरी भर रही हो तो इसे रोकने की कोशिश क्यों की जाएगी। टपरी कांड के मास्टरमाइंड बताई जा रहे जैनेंद्र उपाध्याय इस समय जॉइंट आबकारी आयुक्त ईआईबी है लेकिन प्रदेश भर में आए दिन पुलिस महकमा अवैध शराब कारोबार का भंडाफोड़ कर रहा है।
गाजियाबाद से बलिया तक फैला शराब माफियाओं का नेटवर्क
कहां जा रहा है कि इस बार होली में ओवर रेटिंग मिलावट और अवैध शराब की बिक्री से करोड़ों रुपए की काली कमाई के जरिए विभाग के अधिकारियों की होली को रंगीन बनाने की तैयारी चल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक इस बार होली पर पौव्वा पर ₹20 विदेशी शराब पर 50 से 90 रुपए और ब्रांडेड शराब पर भी ₹200 तक ओवर रेटिंग की तैयारी है। यह वसूली फील्ड में तैनात इंस्पेक्टर के माध्यम से करने की तैयारी है।
सूत्रों की बात पर भरोसा करें तो इस मामले में जैनेंद्र उपाध्याय ने प्रवर्तन को किसी प्रकार से शराब माफिया पर कोई कार्रवाई न करने का दावा बना रखा है। बदले में उन्हें मोटी रकम मिलेगी ऐसा दावा किया जा रहा है।
वसूली के चक्कर में फतेहपुर के जिला आबकारी अधिकारी को किया जा चुका है सस्पेंड:
आबकारी विभाग पूरी तरह वसूली और शराब माफिया को संरक्षण देने के लिए पूरी तरह बदनाम हो चुका है। या बदनामी तब और बढ़ चुकी है जब से जैनेंद्र उपाध्याय को आबकारी विभाग में ईआईबी का मुखिया बनाया गया है।
होली पर विकसित है 100 करोड रुपए की अवैध शराब
जानकारों का मानना है कि होली पर इस बार 100 करोड़ से ज्यादा की अवैध शराब बिक सकती है। शराब की यह तस्करी विभाग के बड़े अधिकारियों की जानकारी में है लेकिन वह जानबूझकर आंख मूंदे हुए हैं। ऐसे में यह संभव है कि कोई बड़ी घटना या दुर्घटना ना हो जाए इसलिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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